टनल फार्मिंग (Tunnel Farming) तकनीक का इस्तेमाल आज दुनिया भर में कई किसान कर रहे हैं. कृषि जगत में यह किसी क्रांति से कम नहीं है. इस तकनीक का इस्तेमाल करके सब्जियों और फलों की खेती करके किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. साथ ही टनल फार्मिंग को पर्यावरण के लिए भी अच्छा माना जाता है. इस तकनीक से कई तरह के फल, सब्जियों और फूलों के उत्पादन के लिए उपयुक्त होता है. जब मौसम में अचानक बदलाव आ जाता है तो टनल फार्मिंग पौधे को सुरक्षित रखता हैं.
फायदेमंद होती है टनल फार्मिंग
आपको बता दें कि इस कृषि तकनीक का उपयोग सब्जियों, फलों, फूलों और जड़ी-बूटियों सहित विभिन्न प्रकार की फसलें उगाने के लिए किया जाता है. यह तकनीत मौसम खराब में किसानो को फसल उगाने में सहायता करती है. टनल फार्मिंग एक कृषि प्रणाली है, जिसमे पौधों को सुरक्षित और नियंत्रित आवास में उगाया जाता है. इस तकनीक में प्राकृतिक उपायों का इस्तेमाल किया जाता है. टनल फार्मिंग को ज्यादातर सर्दियों के मौसम के लिए अच्छा माना जाता है. किसी भी पौधे को बढ़ने के लिए 10 डिग्री तापमान चाहिए होता है और सर्दियों में तापमान कम रहता है. टनल फार्मिंग की वजह से पौधों को उचित तापमान मिल जाता है, जिससे पौधों की ग्रोथ अच्छी होती है.
टनल फार्मिंग कैसे करता है काम ?
टनल फार्मिंग एक ऐसी संरचना है जिसमे खेत में एक मीटर चौड़ी क्यारियां बनाई व तैयार की जाती हैं सुर इसके ऊपर अर्ध चंद्राकर संरचना बांस या पाइप को मोड़कर बनाई जाती है. क्यारियां तैयार होने के बाद अर्ध चंद्राकर यानी की आधा गोलाकार की संरचना को लोहे के तारों द्वारा जोड़कर 1.5 से 2.0 मीटर के अंतराल पर जमीन में गाड़कर लगाया जाता है. फिर इसके ऊपर पारदर्शी प्लास्टिक पन्नी को ओढ़ा दिया जाता है.
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अर्ध चंद्राकर सनरचनाओं पर फिल्म (प्लास्टिक पन्नी) चढ़ाकर उनके निचले पर अंदर का तापमान बढ़ जाता है, जो पौधे की ग्रोथ के लिए अच्छा माना जाता है. ये बरसात और कीटों के संक्रमण के जोखिम से भी काफी हद तक बचाता है. इस तरह की खेती में दिन के समय जब सूर्य की रौशनी प्लास्टिक पर पड़ती है तो अंदर का तापमान लगभग 10 से 12 डिग्री तक बढ़ जाता है. इसी कारण से सब्जियों को सर्दियों में भी सफलतापूर्वक उगाया जाता है.

