Kharmas : इस साल खरमास की शुरुआज दिसंबर की 16तारीख से हो रही है. इसके बाद खरमास की शुरुआत हो जायेगा. खरमास से पहले पड़ने वाली पूर्णिमा को मार्गशीर्ष पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी और विष्णु भगवान की उपासना की जाती है. पूर्णिमा तिथि के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देना बेहद ही शुभ माना जाता है. मान्यता है मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और लक्ष्मी मां की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करने से सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है.
Kharmas से पहले पूर्णिमा की पूजा-विधि
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन पूरे विधि-विधान से लक्ष्मी नारायण की साथ में पूजा करनी चाहिए. इस दिन विष्णु भगवान को पीले रंग के फल, फूल और वस्त्र चढ़ाने चाहिए और लक्ष्मी माता को गुलाबी या लाल रंग के फूल और श्रृंगार का सामान चढ़ाना चाहिए. वहीं, मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण की कथा पढ़ना पुण्यदायक माना जाता है. मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में नदी में स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है. वहीं, अगर आप नदी में स्नान नहीं कर सकते तो नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर घर में ही स्नान करें. मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत रखने और इस दिन लक्ष्मी नारायण की विधिवत पूजा करने से घर में सुख-संपत्ति और खुशहाली बनी रहती है.
खरमास में शुभ कार्य क्यों होते हैं वर्जित ?
इस साल खरमास का समय 16 दिसंबर से शुरु हो रहा है. इस दौरान हिंदु मान्यता के मुताबिक किसी भी तरह के शुभ कार्य पर पाबंदी रहती है. गृह प्रवेश से लेकर शादी, मुंडन या किसी भी करह के मांगलिक कार्यो पर रोक रहती है. इसका कारण ये है कि हिंदु धर्म में हर धारिमिक कार्य का कारण पृथ्वी के सबसे बड़े ग्रह सूर्य को मान जाता है. इस दौरान सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर जाते हैं , इस लिए इस दौरान सभी तरह से शुभ कार्य वर्जित होते हैं. मान्यता है कि ये समय पूरे एक महीने का होता है इसलिए एक महीन बाद जब सूर्य धनि से निकल कर मकर राशि मे प्रवेश करते हैं तो खरमास की समाप्ति हो जाती है और फिर सभी तरह के मांगलिक कार्य शुरु हो जाते हैं. 16 दिसंबर से शुरु हुई खरमास का ये समय 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति तक रहेगा. मकर संक्राति के बाद सेर प्रतिबंध हट जायेंगें .
दृग पंचांग के मुताबिक 15 दिसंबर की रात 10 बज कर 19 मिनट पर सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे , जिसके बाद एक माह तक खरमास रहेगा. यानी 16 दिसंबर खरमास प्रभावी दिन होगा.