दिल्ली : AAP की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. मनीष सिसोदिया और संजय सिंह पहले से ही जेल में थे और अब दिल्ली CM Arvind Kejriwal भी जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं. केजरीवाल को दिल्ली सरकार की आबकारी नीति के शराब घोटाले के मामले में गिरफ्तार कर लिया है. दिल्ली हाईकोर्ट से राहत न मिलने के बाद ही ED ने पहले केजरीवाल से उनके घर पर पूछताछ की और उसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में केजरीवाल को जल्द राहत मिलने की उम्मीद नहीं लग रही है.
CM Arvind Kejriwal ने कई खालिस्तानी आतंकियों से 133 करोड़ लिए हैं- पन्नू
खालिस्तानी आतंकी पन्नू कनाडा में रहता है. ये ज्यादातर भारत और हिन्दुओ के खिलाफ जहर उगलने के साथ धमकियां भी देता है. हाल ही में पन्नू ने एक दावा किया है कि केजरीवाल ने कई खालिस्तानी आतंकियों से 16 मिलियन डॉलर्स यानी की 133 करोड़ रूपए लिए हैं. यह रुप्पय आतंकियों से 2014 से लेकर 2022 के बीच में लिए गए थे.
BIG claim by US based Khalistani Terrorist Gurpatwant Singh Pannun says Aam Aadmi Party took $16 million between 2014-2022 from Khalistans.
Pannun Claims Delhi CM Kejriwal had a meeting with Pro Khalistan groups in Gurdwara Richmond Hills, NY in 2014 where Kejriwal promised to… pic.twitter.com/xzzo2MxsQS
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) March 25, 2024
आपको बता दें कि पन्नू ने सिर्फ CM अरविंद केजरीवाल के खालिस्तानी आतंकियों से रुपये लेने का ही नहीं, बल्कि एक और चौंका देने वाला खुलासा किया है. पन्नू ने बताया कि 2014 में अमेरिका के न्यूयॉर्क में केजरीवाल ने खालिस्तानी आतंकियों से मुलाकात की थी और आतंकी देवेंद्र पाल सिंह भुल्लर की रिहाई का वादा किया था. भुल्लर 1993 में हुए दिल्ली बम धमाके का आरोपी है और जेल की सज़ा काट रहा है.
2020-21 किसान आंदोलन में केजरीवाल न केंद्र सरकार का किया था विरोध
CM अरविंद केजरीवाल ने भारत में हुए 2020-21 किसान आंदोलन के दौरान किसानों की मांगों को जायज बताते हुए केंद्र सरकार का विरोध किया था और किसानो का समर्थन किया था. किसान आंदोलन में भारत के खिलाफ दुनियाभर में नफरत फैलाने का काम किया था. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि खालिस्तानियों के कहने पर ही केजरीवाल ने किसानों का समर्थन किया था.
मिली जानकारी के मुताबिक 2022 में पंजाब में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने बड़ी जीत हासिल करते हुए 117 में से 92 सीटें अपने नाम की थी. पंजाब में कई खालिस्तान समर्थक एक्टिव हैं. देश से बाहर रह रहे खालिस्तानियों का भी पंजाब से कनेक्शन है. पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार के आने के बाद से ही पंजाब के साथ ही कुछ अन्य देशों में भी खालिस्तानी गतिविधियाँ बढ़ गई हैं. ऐसे में इस पंजाब चुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत के पीछे खालिस्तानियों के समर्थन की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता.