दिल्ली के कंझावला कांड ने सबको दहलाकर रख दिया था . पूरे देश भर में आरोपियों को सख्त सज़ा दिए जाने की मांग उठने लगी . ऐसे में अब घटना को दो हफ़्तों से भी ज्यादा वक्त बीत चूका है . इसी कड़ी में गृह मंत्रालय से मिले निर्देश के बाद पुलिस ने कंझावला मामले में मुख्य आरोपियों के खिलाफ हत्या की धारा जोड़ दी है. यानी अब वो मामला सिर्फ एक एक्सीडेंट का नहीं रहा बल्कि हत्या का बन चूका है . दुर्घटना के बाद जिस तरह जानबूझकर 12 किलोमीटर तक कार से मृतका अंजलि को घसीटकर मार दिया गया . वो घटना काफी खौफनाक थी इसलिए अंजलि को इंसाफ दिलाने के लिए इस तरह का फैसला लिया गया.
हत्या की धारा में दर्ज हुआ मुकदमा
दरअसल विशेष पुलिस आयुक्त सागर प्रीत हुड्डा ने बताया कि सुल्तानपुरी की घटना में भौतिक, मौखिक, फॉरेंसिक और अन्य वैज्ञानिक सबूत जुटाने के बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा-304 की जगह धारा-302 शामिल कर ली है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना के समय 25 साल का अमित खन्ना ,27 साल का कृष्ण , मिथुन (26) और मनोज मित्तल कार के अंदर थे और उनके खिलाफ हत्या के आरोप लगाए गए हैं. क्योंकि उन्हें पता था कि उनकी गाड़ी के नीच अंजलि फांसी हुई है लेकिन फिर भी बिना रहम दिखाए वो हैवान अपनी गाड़ी को दिल्ली की सडकों पर अंधाधुन्द दौड़ाये जा रहे थे .
अंजलि के परिवार को मिलेगी हर मुमकिन मदद
पुलिस सूत्रों ने दावा किया कि यह कदम दिल्ली पुलिस द्वारा एक सत्र अदालत को यह बताए जाने के एक दिन बाद उठाया गया है. जब पुलिस उपायुक्त बाहरी जिला हरेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि इस केस में हत्या का मामला मुख्य चार आरोपियों के खिलाफ जोड़ा गया है जबकि यह कार्रवाई सबूतों के मुताबिक शारीरिक, मौखिक और फोरेंसिक रिपोर्ट मिलने के बाद की गई. उनका कहना था कि पीड़ित के परिवार को जल्द मुआवजा दिलाने के लिए पुलिस ने ठोस पहल की है जबकि जांच में पाया गया है कि मारी गई युवती अपने परिवार के लिए एकमात्र कमाने वाली थी. इसलिए सरकार और पुलिस की तरफ से पीड़ित परिवार को हर तरह की मदद मुहैया कराई जायेगी .