पटना : बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक K K Pathak ने दिल्ली प्रतिनियुक्ति के लिए आवेदन दिया है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि शिक्षा विभाग के वरिष्ठ आइएएस के के पाठक की जल्द ही बिहार से विदाई होने वाली है .के के पाठक 1990 बैच के आईएएस अधिकारी है और बिहार में लगातार अपने तीखे तेवर और प्रशासनिक आदेशों के कारण चर्चा में रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक के के पाठक के आवेदन को नीतीश सरकार ने भी नो ऑब्जेक्शन ने दिया है. गुरुवार को बिहार के समान्य प्रशासन विभाग ने की तरफ से सीचना के पुष्टि की गई है .
K K Pathak ने क्यों मांगा डेपुटेशन ?
दरअसल के के पाठक के इस कदम के पीछे विधानसभा , राजभवन, राजनेताओं की नाराजगी और शिक्षक संघ के साथ लगातार चल रही तनातनी को माना जा रहा है.दरअसल पिछले कई महीनों से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के खिलाफ पूरे प्रदेश में एक हवा बनी हुई है और शिक्षक संघ लगातार सरकार से के के पाठक को हटाने और उनके आदेशों को रिव्यू के लिए मांग कर रहा है. वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के के पाठक शिक्षा विभाग में अपने सुधारात्मक प्रयासों में सख्ती के कारण पिछले काफी दिनों से चर्चा में हैं.
विधानसभा में सीएम को झेलनी पड़ी शर्मिंदगी
के के पाठक को बिहार में सीएम के चहेते अधिकारी के रुप में जाना जाता है . यही कारण है कि लगातार विरोध के बावजूद के के पाठक अपने पद पर बने हुए रहे. के के पाठक लगातार अपने आदेशों और कार्रवाईयों के लिए विवादों में रहे हैं. बिहार में लगातार स्कूलों की समय सारणी में बदलाव की मांग की जा रही थी लेकिन सीएम के आदेश के बावजूद शिक्षा विभाग ने आदेश को लागू नहीं किया. इस कारण विधान सभा में सीएम नीतीश कुमार को विपक्ष के कटाक्ष का निशाना बनना पड़ा.
राजभवन के साथ टकराव और विश्वविद्यालयों पर कड़ी कार्रवाई
के के पाठक का हाल ही में राजभवन के साथ क्षेत्राधिकार को लेकर भी विवाद हुआ. शिक्षा विभाग ने सभी कुलपतियों और विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों को 28 फऱवरी को एक समीक्षात्मक बैठक में बुलाया था , लेकिन राजभवन ने इस बैठक से दूरी बना ली .कोई भी वीसी और अधिकारी समय पर बैठक के लिए नहीं पहुंचे. इसके बाद के के पाठक ने कड़ा एक्शन लेते हुए सभी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर और अधिकारियों के वेतन पर रोक लगाने के आदेश दे दिये. अभी तक शिक्षकों पर कार्रवाई करने वाले के के पाठक ने 29 फरवरी यानी गुरुवार को विश्वविद्यालयो के वीसी समेत उन सभी अधिकारियों पर डंडा चलाया है, जिन्हें शिक्षा विभाग के समीक्षात्मक बैठक में बुलाया गया था. साथ ही साथ बिहार के सभी विश्वविद्लायों के बैंक खातों को भी फ्रीज करने के आदेश दिये गये हैं.
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के इस एक्शन के बाद राजभवन भी एक्शन में है. राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर ने 3 मार्च को सबी अधिकारियों को बैठक के लिए बुलाया है . राज्यपाल के सचिव रॉबर्ट चौंगथु ने सबी विश्वविद्लायों को चिट्ठी भेजकर बैठक में उपस्थित रहने के लिए निर्देश दिये हैं.
ऐसे में माना जा रहा है कि राजभवन और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के बीच तनातनी ज्यादा बढ़ी हुई है . आपको बता दें कि प्रदेश में स्कूलों के समय सारणी मे बदलाव और शिक्षक संघ की मांगो और विधानसभा में लगातार विपक्ष के आरोपों के बाद आज उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भी सीएम से इस मामले पर मुलाकात की थी. के के पाठक की प्रतिनियुक्ति इस मुलाकात का परिणाम माना जा रहा है. हलांकि खबर की आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है.