Friday, November 22, 2024

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ बने देश के 50वे मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति भवन में हुआ शपथग्रहण

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने भारत के 50वे मुख्य न्यायाधीश के पद की शपथ ली. राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें देश के मुख्य न्यायाधीश के पद की शपथ दिलाई. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, केंद्रीय मंत्री समेत सुप्रीम कोर्ट के कई जज मौजूद रहें. चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ दो साल के लिए देश के मुख्य न्यायाधीश के पद पर रहेंगे. उनका कार्यकाल 10 नवंबर 2024 तक होगा.

1998-2000 तक अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के पद पर रहे.
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 1998 से मार्च 2000 तक भारत सरकार में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के पद पर रहे. न्यायमूर्ति डीवी चंद्रचूड़ ने अपने न्यायिक करियर की शुरुआत बतौर जज 29 मार्च 2000 को बांबे हाइकोर्ट से की थी. 31 अक्टूबर 2013 को इलाहाबाद हाई कोर्ट में बतौर जज नियुक्त किये गये. 13 मई 2016 को इलाहाबाद न्यायालय से सुप्रीम कोर्ट आये. जस्टिस चंद्रचूड ने दिल्ली विश्वविद्यालय से 1982 में वकालत की डिग्री हासिल की. जबकि आगे की पढ़ाई के लिए वो प्रतिष्ठित हॉवर्ड यूनिवर्सिटी भी गए.

UAPA के गलत इस्तेमाल के खिलाफ काफी मुखर रहे हैं जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़
UAPA कानून के तहत एल्गार परिषद मामले में गिरफ्तार 84 साल के स्टेन स्वामी को जमानत नहीं मिलने और जेल में उनका निधन हो जाने के बाद जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का एक बयान आया था जिसमें उन्होंने UAPA कानून के दुरुपयोग के खिलाफ अहम टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि नागरिकों की असहमति को दबाने के लिए किसी भी कानून का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आपराधिक कानून जिसमें आतंकवाद विरोधी कानून भी शामिल है, का इस्तेमाल नागरिकों के असंतोष या उत्पीड़न को दबाने में नहीं किया जाना चाहिए.

पिता वाई वी चंद्रचूड़ भी रहे हैं भारत के मुख्य न्यायाधीश
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ सबसे लंबे समय तक भारत के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं. वह 1978 से 1985 यानी कुल 7 साल तक सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रहे. 11 नवंबर 1959 को जन्मे डी वाई चंद्रचूड़ अपने पिता न्यायाधीश की कुर्सी से रिटायर्ड होने के 44 साल बाद फिर वो कुर्सी संभाल रहे हैं.

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