Thursday, October 17, 2024

जस्टिस चंद्रचूड़ लेंगे 9 नवंबर को भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ

जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश होंगे. राष्ट्रपति ने जस्टिस चंद्रचूड़ को देश का अगला चीफ जस्टिस नियुक्त करने का फैसला लिया है. जस्टिस चंद्रचूड़ 9 नवंबर से चीफ जस्टिस का पद संभालेंगे. उनका कार्यकाल 2 साल का होगा. वह 10 नवंबर 2024 तक चीफ जस्टिस रहेंगे. वह जस्टिस यूयू ललित की जगह लेंगे ,जो 8 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं.
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी. रिजिजू ने लिखा, “भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए, राष्ट्रपति ने डॉ. न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ को 9 नवंबर, 2022 से भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया है.” इसके साथ ही किरेन रिजिजू ने न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ को अपनी शुभकामनाएं भी दी.

पिता वाई वी चंद्रचूड़ भी रहे हैं भारत के मुख्य न्यायाधीश
11 नवंबर 1959 को जन्मे न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ भारत के पहले ऐसे चीफ जस्टिस होंगे जो एक ही परिवार की दूसरी पीढी से न्यायमूर्ति बनेंगे. उनके पिता न्यायमूर्ति वाई.वी. चंद्रचूड़ भारत के 16वें और सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं.

UAPA के गलत इस्तेमाल के खिलाफ काफी मुखर रहे हैं जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़
UAPA कानून के तहत एल्गार परिषद मामले में गिरफ्तार 84 साल के स्टेन स्वामी को जमानत नहीं मिलने और जेल में उनका निधन हो जाने के बाद जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का एक बयान आया था जिसमें उन्होंने UAPA कानून के दुरुपयोग के खिलाफ अहम टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि नागरिकों की असहमति को दबाने के लिए किसी भी कानून का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आपराधिक कानून जिसमें आतंकवाद विरोधी कानून भी शामिल है, का इस्तेमाल नागरिकों के असंतोष या उत्पीड़न को दबाने में नहीं किया जाना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट में बैकलॉग कम करने के लिए याद किए जाएंगे मुख्य न्यायाधीश यू.यू. ललित
भारत के मुख्य न्यायाधीश यू.यू. ललित का कार्यकाल 8 नवंबर को समाप्त हो रहा है, 27 अगस्त को मुख्य न्यायाधीश के तौर पर पदभार ग्रहण करने वाले जस्टिस ललित ने पांच संविधान पीठों का गठन किया. लंबित पड़े मामलों के जल्द निपटारे के लिए चीफ जस्टिस ललित ने सुप्रीम कोर्ट में कई प्रशासनिक बदलाव किये. कोर्ट के समय में परिवर्तन किया गया ताकि ज्यादा से ज्यादा मामलों की सुनवाई तेज गति से हो सके. सितंबर के महीने में सुप्रीम कोर्ट ने लंबे समय से पड़े मामलों और जनहित याचिकाओं के निपटारे के लिए अलग-अलग समय निर्धारित किये.इसका परिणाम ये हुआ कि सितंबर के महीने में बैंकलॉग में गिरावट देखी गई.
सुप्रीम कोर्ट में एक दिन मे करीब 60-70 मामले उठाये गये. एक केस की सुनवाई में जस्टिस डी.वाई.चंद्रचूड़ खुद रात 9.15 बजे तक बैठे रहे. वकीलों को अपने मामलों की तैयारी के लिए कोर्ट से समय मांगते देखा गया, क्योंकि उनके केस अचानक सूचिबद्ध हो गये.
44-45 दिन के कार्यकाल में जस्टिस यूयू ललित ने सुप्रीम कोर्ट में बैकलॉग कम करने के लिए कई नये प्रयास किये है.

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news