Jharkhand-Maharashtra Elections :बात करते हैं दो राज्यों में होने वाले चुनावों की ….हरियाणा जम्मू कश्मीर के रोचक चुनाव के बाद अब बारी है झारखंड और महाराष्ट्र की. इन दोनों राज्यों के विधानसभा के लिए चुनाव की तारीखो का ऐलान हो गया है.
Jharkhand-Maharashtra elections किसका पलड़ा भारी ?
लगभग सुस्त पड़ी चुकी कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के नतीजों के साथ शानदार वापसी की है , हरियाणा में तो राहुल गांधी का जादू नहीं चला लेकिन जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल काफ्रेंस की सरकार बन रही है. अब इंडिया गठबंधन का एनडीए से अगला मुकाबला झारखंड और महाराष्ट्र में है. अब सवाल ये है कि क्या हरियाणा में जीत की हैट्रिक लगाने के बाद NDA महाराष्ट्र और झारखंड में बूस्टर डोज ले पाएगी ? या फिर हरियाणा में मिली हार से सबक लेकर कांग्रेस अपने साथी दलों को साथ लेकर दोनों राज्यों में कमबैक करेगी?
आपक बता दें कि महाराष्ट्र में 20 नवंबर को वोटिंग है, वहीं झारखंड में 13 और 20 नवंबर को जो चरणों में वोटिंग होगी. इन दोनों राज्यों के चुनाव नतीजे 23 नवंबर को घोषित होंगे.इसके अलावा चुनाव आयोग ने मंगलवार को लोकसभा के खाली पड़े सीटों के लिए भी उपचुनाव का ऐलान किया. इसमें सबसे चर्चित सीट केर से वायनाड की है , जो राहुल गांधी के छोड़ने के कारण खाली हुई है. अब यहां से प्रियंका गांधी कांग्रेस की ऑफिशियल उममीदवार हैं.
महाराष्ट्र में चुनावी समीकऱण
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए तारीख का ऐलान हो गया है.यहां 20 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को नतीजे घोषित कर दिये जायेंगे .
इस बार महाराष्ट्र का विधानसभा चुनाव केवल तीन-तीन दलों के दो गठबंधनों का मुकाबला है नहीं है बल्कि इस चुनाव से ये भी तय होना है कि जनता किसे असली शिवसेना और किसे असली एनसीपी मान रही है. महाराष्ट्र का चुनाव पवार परिवार और एमसीपी के दोनों धड़ों यानी अजित पवार और शरद पवार की एनसीपी के लिए भी बहुत बड़ी चुनौती है. लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का एडवांटेज होने के बावजूद अजित पवार गुट चाचा शरद पवार के सामने मजबूती से टिक नहीं पाया था.
लोकसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस पार्टी 29 सीटों पर बढत के साथ विदर्श में सबसे ज्यादा मजबूत रही थी, वहीं पश्चिमी महाराष्ट्र पवार परिवार का मजबूत गढ़ माना जाता है. 70 विधानसभा सीटें इसी इलाके से आती हैं. लोकसभा चुनावों में 19 सीटों पर शरद पवार की पार्टी आगे रही थी, जबकि अजित पवार की पार्टी केवल दो जगहों पर और.बीजेपी ने 17 सीटों पर अच्छा प्रदर्शन किया.
झारखंड चुनाव : जेएमएम के लिए कितनी मुश्किल है डगर चुनाव की ?
झारखंड में 81 सीटों वाली विधानसभा के चुनाव दो चरणों में होंगे. पहले चरण में 13 नवंबर को 43 सीटों पर तो दूसरे चरण में 20 नवंबर को 38 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. 2019 के विधानसभा चुनाव में जेएमएम ने 30 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी तो भाजपा 25 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही थी. 2019 में जहां एंटी इन्कम्बेंसी बीजेपी सरकार के खिलाफ थी, वहीं इस बार जेएमएम के लिए रास्ते मुश्किल लग रहे हैं. पिछली बार 3 सीटें जीतने वाली झारखंड विकास मोर्चा इस चुनाव में नहीं होगी क्योंकि बाबूलाल मरांडी बीजेपी में शामिल हो गये है. बाबूलाल मरांडी झारखंड बीजेपी के अध्यक्ष हैं और पार्टी अगर जीतती है तो राज्य में मुख्यमंत्री पद के दावेदार भी हैं. वहीं कोल्हान क्षेत्र में भी समीकरण एकदम बदल गये हैं. शिबू सोरेन के खासमखास रहे कोल्हान टाइगर चंपाई सोरेन अब बीजेपी में जा चुके हैं. सोरेन परिवार में भी फूट पड़ चुकी है. हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन अब बीजेपी में हैं. लोकसभा चुनावों में भी बीजेपी ने इंडिया ब्लॉक के मुकाबले ज्यादा सीटों पर लीड हासिल की थी. उसे 8 सीटें मिली थीं, इंडिया गठबंधन में जेएमएम को 3, कांग्रेस को 2 और आजसू को 1 सीट पर जीत मिली थी. अब आजसू भी भाजपा के साथ हैं. इस लिए इस चुनाव में एनडीए के मुकाबले इंडिया गठबंधन के लिए चुनौतियां ज्यादा होंगी.