Israel-Hamas war : हमास के साथ संघर्ष विराम समझौते को इजराइल ने फिलहाल टाल दिया है. संघर्ष विराम समझौते एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक सफलता हासिल करने के एक दिन बाद, इज़राइल ने कहा कि संघर्ष विराम समझौता शुक्रवार से पहले प्रभावी नहीं होगा. पहले यह उम्मीद की जा रही थी कि दोनों पक्ष गुरुवार से अस्थायी रूप से गोलीबारी रोक देंगे.
इज़राइल के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार तज़ाची हानेग्बी ने इस फैसले की घोषणा करते समय, देरी का कोई कारण नहीं बताया. हालाँकि, मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि अंतिम समय में कुछ विवरण अभी भी तय किए जा रहे हैं.
गुरुवार से संघर्ष रोकने की थी बात
इज़राइल-हमास युद्ध को को 47 दिन पूरे हो गए है. इजरायल के हमलों और गाजा पट्टी की भयानक हालात की कई तस्वीरें वायरल हो रही है. इसी बीच एक महीने से हमास को जड़ से ख़त्म करने पर अड़ा इजरायल, अब 4 दिन के सीजफायर पर सहमत हो गया था. इस खबर को अलग-अलग नज़रिये से देख जा रहा था. कोई इसे इजरायल का मास्टर स्ट्रोक बता रहा है तो कोई इसे हमास के सामने इजरायल का सरेंडर.
Israel Palestine Conflict में नेतन्याहू ने सीजफायर की सहमति जताई थी
कतर, तुर्किया और अमेरिका जैसे देश सीजफायर को लेकर काफी दिनों से कोशिश कर रहे थे लेकिन इन्हें कामयाबी 47वें दिन मिली, जब मंगलवार की देर रात इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सीजफायर पर सहमति हो गए. इजरायल अभी अस्थायी तौर पर 4 दिन के लिए युद्धविराम पर राजी हुआ था. लेकिन अब उसने इसे टाल दिया है.
हमास की शर्तों पर राज़ी हुआ था इज़राइल
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू हमास की शर्तों पर सीजफायर पर तैयार हुए थे. हमास की पहली शर्त है कि वो 240 बंधकों में से सिर्फ 50 को ही रिहा करेगा. हमास जिन 50 बंधकों को रिहा करेगा, उनमें महिला और बच्चे ही शामिल होंगे. किसी बंधक सैनिक को नहीं छोड़ा जायेगा. इजरायल को 150 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करना होगा. हमास की शर्त है कि वो हर दिन 12 से 13 के ग्रुप में बंधकों को छोड़ेगा, जिसके बदले एक दिन का सीजफायर होगा. इसके साथ ही साउथ गाजा के ऊपर 6 घंटे, सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक ड्रोन सर्विलेंस रोकनी होंगी. फिलहाल 4 दिन के सीजफायर की समय सीमा के बाद अगर इजरायल 150 और फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करने के लिए तैयार हो जाता है. तो हमास 24 घंटे सीजफायर के बदले 10 बंधकों को रिहा कर सकता है.
ये सीजफायर ही है या सरेंडर..?
इजरायल-हमास के बीच सीजफायर होना राहत की बात थी, लेकिन ये हमास के सामने इजरायल का सरेंडर ज्यादा लगता है. क्योंकि सीजफायर के लिए जिन शर्तों पर सहमति बनी है. वो सभी शर्तें हमास ने रखी हैं और इजरायल इन शर्तों को मानने के लिए तैयार हो गया. इजरायल के प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि अगर कुछ भी गड़बड़ हुई तो हमास से इंतकाम लेने की कार्रवाई दोबारा शुरु हो जाएगी. नेतन्याहू हमास की शर्तें इसलिए मानने को तैयार हो गये क्योंकि इजरायल की प्राथमिकता में अपने लोगों को छुड़ाना पहले है.
युद्ध की कीमत गाजा को चुकानी पड़ी
इजरायल ने हमास के खिलाफ युद्ध शुरू किया. लेकिन इस युद्ध की कीमत गाजा के आम लोगों को भी चुकानी पड़ी है.
यूनाइटेड नेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक गाजा में 45 फीसदी घर आम लोगों के तबाह हुए हैं. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक 14 हज़ार 128 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है, इससे कई गुना ज्यादा घायल हुए हैं. जबकि इजरायल के 1200 लोगों की हमास के हमले में जान गई थी.
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