India Remittance: विदेश से पैसा घर भेजने के मामले में Overseas Indians ने नया रिकॉर्ड बनाया है. हाल ही में इससे जुड़ा आकड़ा सामने आया है. जिसके मुताबिक पिछले वित्त साल की दिसंबर में समाप्त हुई तिमाही में ओवरसीज इंडियन ने रेमिटेंस के जरिए 29 बिलियन डॉलर घर ट्रांसफर किये हैं. वर्ल्ड बैंक के आकड़ो के अनुसार पिछले वित्त साल की तीसरी तिमाही में नेट इनवर्ड रेमिटेंस 29 बिलियन डॉलर रिकॉर्ड किया गया है. इसे घेरलू अर्थव्यवस्था के लिए काफी ज्यादा लाभदायक माना जाता है.
ओवरसीज रेमिटेंस में वृद्धि होने की वजह
आपको बता दें कि ओवरसीज रेमिटेंस में ऐसे फंड को रखा जाता है. जो विदेशो में रहने वाले प्रवासी भारतीय भारत में अपने रूपए भेजते हैं. इसके माध्यम से देश के करंट अकाउंट डेफिसिट यानि की चालू खाते घाटे का काम करने वाले में सक्सेस मिलती है. ओवरसीज रेमिटेंस में वृद्धि होने के पीछे की वजह फॉरेन करेंसी-नॉन रेजिडेंट का बढ़ना है. जैसे ही FCNR का रिटर्न बढ़ जाता है. वैसे ही विदेशो में रहने वाले भारतीय के लिए बचत होती है. विदेश से पिछले वित्त साल की तीसरी दिसंबर तिमाही में आए 29 बिलियन डॉलर रूपए को अब तक का सबसे बड़ा तिमाही के ओवरसीज रेमिटेंस का आकड़ा माना जा रहा है. आपको बता दें कि इससे पहले 1991 में एक तिमाही में ओवरसीज रेमिटेंस से ज्यादा पैसा भारत आया था.
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वहीं जानकरी के मुताबिक भारत में अमेरिका से ज्यादा ओवरसीज रेमिटेंस आ रहा है. वर्ल्ड बैंक के मुताबिक रेमिटेंस में भारत पहले नंबर ओर है. पिछले साल ही भारत को मिले ओवरसीज रेमिटेंस का आकड़ा 100 बिलियन डॉलर था. जो इससे पहले सबसे बड़ा आकड़ा था.