पटना, (अभिषेक झा-ब्यूरो चीफ): लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर बिहार महागठबंधन INDIA Alliance में सीट शेयरिंग का औपचारिक ऐलान गुरुवार को हो सकता है. ऐसी खबर सामने आ रही है कि आरजेडी और कांग्रेस के बीच चली लंबे दौर की वार्ता के बाद सीट बंटवारे का फॉर्मूला लगभग तय हो गया है. इसके तहत लालू एवं तेजस्वी यादव कांग्रेस को 8 से 9 सीटें देने पर सहमत हो गए हैं. हालांकि, इनमें पूर्णिया शामिल नहीं है, जिसे लेकर दोनों पार्टियों के बीच खींचतान चल रही है.
दो दिन से दिल्ली में INDIA Alliance के बीच चल रहा है मुलाकातों का दौर
दरअसल, बिहार में एनडीए ने जहां लोकसभा चुनाव को लेकर चुनावी समर में अपने ‘योद्धाओं’ को उतार चुकी है, वहीं महागठबंधन में अब तक सीट शेयरिंग को लेकर बात नहीं बन सकी है. राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव पिछले दो दिनों से दिल्ली में हैं और बैठकों का दौर भी जारी है. ऐसे में एक दैनिक अखबार के मुताबिक लालू एवं तेजस्वी यादव कांग्रेस को पूर्णिया सीट के बदले कांग्रेस को कटिहार सीट देने को तैयार हैं.
पूर्णिया सीट से बीमा भारती या पप्पू यादव कौन होगा प्रत्याशी
बिहार की पूर्णिया सीट कांग्रेस और आरजेडी के बीच झगड़े का कारण बन गई है. जन अधिकारी पार्टी का कांग्रेस में विलय होने के बाद कांग्रेस ने पप्पू यादव Pappu Yadav को ये आश्वासन दिया था कि वो पूर्णिया से उसके उम्मीदवार होंगे. पप्पू यादव पार्टी का विलय कराने दिल्ली जाने से पहले लालू यादव और तेजस्वी यादव से मिलकर भी आए. लेकिन फिर एकएक जेडीयू से राजद में आई बीमा भारती को आरजेडी ने अपना सिंबल देकर खेल ही पलट दिया.
औरंगाबाद सीट को लेकर भी है गतिरोध
ऐसा कहा जा रहा है कि सिर्फ पूर्णिया ही नहीं, औरंगाबाद लोकसभा सीट पर भी गतिरोध बना हुआ है. इस सीट से कांग्रेस पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार को उतारना चाहती थी. मगर आरजेडी ने सीट बंटवारे के बिना ही जेडीयू से आए अभय कुशवाहा को प्रत्याशी बनाकर सिंबल दे दिया. कुशवाहा गुरुवार को अपना नामांकन भी दाखिल कर देंगे. कांग्रेस नेता निखिल कुमार और उनके समर्थकों ने आरजेडी के इस फैसले का विरोध भी किया. मगर लालू एवं तेजस्वी ने उनकी मांग को अनसुना कर दिया.
आरजेडी कांग्रेस को 8 से 9 सीट देने तैयार
बताया जा रहा है कि, कांग्रेस को आरजेडी 8 से 9 सीटें देने को तैयार है. इनमें कटिहार, किशनगंज, भागलपुर, पटना साहिब, मुजफ्फरपुर, पश्चिम चंपारण या वाल्मीकिनगर, सासाराम और शिवहर शामिल हैं. हालांकि, कांग्रेस के नेता आरजेडी के रवैये से खुश नहीं नजर आ रहे हैं. पार्टी के अंदरखाने कई नेताओं ने आलाकमान को अपना विरोध भी दर्ज कराया दिया है. मगर बिहार में कांग्रेस की आरजेडी के साथ रहकर चुनाव लड़ने की मजबूरी है इसलिए वो कोई ठोस कदम भी नहीं उठा सकती.
ये भी पढ़ें-निर्वाचन टीम को पोलिंग बूथ तक लाने वाले वाहनों का किराया तय