किसी भी कंपनी के लिए उसकी एचआर पॉलिसी सबसे ज्यादा जरूरी होती है. क्योंकि यही सिस्टम यह सुनिश्चित करता है कि कर्मचारियों को सही तरीके से वेतन और अन्य सुविधाएं मिल रही हैं. लेकिन जब इसी सिस्टम में गड़बड़ी हो जाए तो कंपनी को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है. प्राइवेट जॉब में खासतौर पर पेरोल सिस्टम की पारदर्शिता बहुत जरूरी होती है वरना कर्मचारी और कंपनी दोनों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. चीन से सामने आए एक ताजा मामले ने दिखाया कि कैसे एक एचआर मैनेजर ने फर्जी कर्मचारियों का रिकॉर्ड बनाकर करोड़ों रुपये की हेराफेरी कर दी. इस मामले ने कंपनी की सुरक्षा नीतियों पर सवाल खड़े कर दिए.
असल में यह घटना चीन के एक कंपनी से जुड़ी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक वहां के एचआर मैनेजर ने अनोखे तरीके से कंपनी को करोड़ों का चूना लगा दिया. शंघाई की लेबर सर्विस कंपनी में काम करने वाले इस शख्स ने 22 फर्जी कर्मचारियों को जोड़कर उनकी सैलरी और सेवरेंस पेमेंट नौकरी छोड़ने के बाद मिलने वाली राशि के नाम पर 16 मिलियन युआन करीब 18 करोड़ रुपये हड़प लिए. इस मैनेजर का नाम यांग बताया गया है जिसे कंपनी की पे-रोल (वेतन भुगतान) मैनेज करने की पूरी जिम्मेदारी दी गई थी.
कैसे किया बड़ा फर्जीवाड़ा?
रिपोर्ट के मुताबिक यांग ने देखा कि उसे कर्मचारियों को रखने और वेतन जारी करने का पूरा अधिकार मिला हुआ था और इस प्रक्रिया की कोई निगरानी नहीं थी. उसने सबसे पहले एक फर्जी कर्मचारी का रिकॉर्ड बनाया और उसके लिए सैलरी अप्रूव करवाई. यह सैलरी एक बैंक खाते में ट्रांसफर की गई जो यांग के नियंत्रण में था लेकिन उसके नाम पर नहीं था. जब लेबर सर्विस कंपनी ने जांच की कि सन के खाते में पैसे क्यों नहीं पहुंचे तो यांग ने बहाना बना दिया कि टेक कंपनी ने भुगतान रोक दिया है.
आठ साल तक चलता रहा खेल, ऐसे खुला राज
2014 से लेकर 2022 तक यांग ने 22 ऐसे फर्जी कर्मचारियों को जोड़ा और उनकी सैलरी व अन्य भत्तों के नाम पर पैसे निकालता रहा. आखिरकार 2022 में टेक कंपनी के वित्त विभाग ने गौर किया कि ‘सन’ नाम के कर्मचारी की अटेंडेंस रिकॉर्ड में 100 प्रतिशत उपस्थिति थी, लेकिन उसे कभी ऑफिस में नहीं देखा गया. जब मामले की गहराई से जांच हुई तो यांग की इस आठ साल पुरानी धोखाधड़ी का पर्दाफाश हो गया.
सजा और सोशल मीडिया पर सुर्खियां
जांच में फर्जी उपस्थिति और बैंक लेन-देन का खुलासा होने के बाद यांग को 10 साल और 2 महीने की जेल की सजा सुनाई गई. उसके राजनीतिक अधिकार भी एक साल के लिए छीन लिए गए और उसे भारी जुर्माना भरने का आदेश दिया गया. कोर्ट ने उसे 1.1 मिलियन युआन करीब 1.5 करोड़ रुपये लौटाने को कहा जबकि उसके परिवार को 1.2 मिलियन युआन (करीब 1.6 करोड़ रुपये) वापस करने पड़े. इस मामले ने चीन में सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरीं. कई लोगों ने कंपनी की लापरवाही पर सवाल उठाए.