शुक्रवार को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का हकीकी आज़ादी मार्च लाहौर के लिबर्टी चौक से शुरू हुआ. इस मार्च को इमरान खान और सरकार के बीच आर-पार की लड़ाई के तौर पर देखा जा रहा है. लिबर्टी चौक पर अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए इमारान खान ने सरकार पर तीखा हमला बोला. इमरान ने कहा वो नवाज शरीफ की तरह देश छोड़ के नहीं भांगेंगे. उन्होंने कहा मैं यहीं जीया हूं, यहीं मरूंगा.
حقیقی آزادی مارچ کا آغاز لبرٹی سے ہوچکا ہے اور لاہور کے لوگ ہمارے اس مارچ کی قیادت کیلئے باہر نکل آئے ہیں۔ #حقیقی_آزادی_لانگ_مارچ pic.twitter.com/k4IipvhrTB
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) October 28, 2022
इमरान ने की भारत की तारीफ
लाहौर के लिबर्टी चौक पर भाषण देते हुए पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने फिर भारत की तारीफ की. इमरान ने भारत की विदेश नीति को स्वतंत्र बताते हुए पाकिस्तान की शहबाज़ शरीफ सरकार पर तंज कसा इस मौके पर इमरान खान ने अपने माच को गैर राजनीतिक बताया. उन्होंने कहा कि इस मार्च का मकसद सत्ता पाना नहीं है. ये देश का भविष्य तय करेगा. इमरान ने उपने मार्च को चोरों के खिलाफ और आज़ादी के पक्ष में बताया.
ISI को इमरान की दो टूक, सिर्फ देश के लिए चुप बैठा हूं-इमरान खान
मार्च के पहले के भाषण में पाकिस्तान की मौजूदा सरकार के साथ-साथ अपने देश की खुफिया एजेंसी आईएसआई को भी आड़े हाथों लिया. इमरान ने कहा मैं चाहूं तो एजेंसियों की पोल खोल सकता हूं.
आपको याद दिला दें हाल ही में पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता और आईएसआई के प्रमुख नदीम अहमद अंजुम ने प्रेसवार्ता की थी. इस साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में एजेंसियों ने इमरान खान पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया था कि इस साल के शुरु में इमरान खान ने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को लुभावने प्रस्ताव दिया थे. शुक्रवार को लाहौर में मार्च से पहले इमरान ने इन्हीं आरोपों का जवाब देते हुए कहा, “कल हुई सेना और आईएसआई की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस शेख रशीद के बयानों से ज्यादा राजनीतिक थी.” इमरान ने धमकी देते हुए कहा, “ध्यान से सुनो डीजी आईएसआई, जो मैं जानता हूं, उस पर मैं सिर्फ अपने संस्थानों और देश के लिए चुप बैठा हूं. मैं अपने देश को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता. जब हम संस्थानों की आलोचना करते हैं, तो यह आपके भले के लिए होता है. मैं काफी कुछ बोल सकता हूं और जवाब दे सकता हूं. पर मैं इस संस्थान को कमजोर नहीं करना चाहता.”
इमरान खान का हकीकी मार्च इस्लामाबाद की ओर कूच कर रहा है. यहां वो सरकार पर संसद भंग करने और मध्यावधि चुनाव कराने का दबाव बनाएंगे.