पटना : बिहार में एक बार फिर से NDA ,सरकार आने के बाद बाॉलिवुड ने भी यहां दिलचस्पी दिखानी शुरु कर दी है. इसी कड़ी में Indian Motion Picture Producers Association (IMPPA) के प्रतिनिधियों ने पटना में बिहार सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की और सरकार की फिल्म नीति के बारे में जानकारी मांगी. IMPPA के प्रेसिडेंट अभय कुमार सिन्हा, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, सुषमा शिरोमणि और एफएमसी जनरल सेक्रेटरी निशांत उज्जवल के नेतृत्व में इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल की कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार की अतिरिक्त मुख्य सचिव हरजोत कौर बम्हरा जी के साथ बहुत ही बैठक हुई, जिसे IMPPA ने सार्थक बैठक बताया.
बिहार फिल्म नीति को सरकार जल्द देगी अंतिम रुप -IMPPA
जब उन्हें इंपा द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री को भेजे गए विभिन्न पत्रों के जवाब में 2 फरवरी 2024 को एक बैठक के लिए आमंत्रित किया गया था. जिसमें बिहार में फिल्माई गई फिल्मों के लिए सुविधाओं और सब्सिडी पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की मांग की गई थी. बैठक में निर्देशक (सांस्कृतिक कार्य निदेशालय) श्रीमती रूबी जी भी उपस्थित थीं.
बैठक के दौरान बिहार की अतिरिक्त मुख्य सचिव हरजोत कौर बम्हरा ने बताया कि बिहार सरकार ने अपनी फिल्म नीति को लगभग अंतिम रूप दे दिया गया है. कुछ प्रक्रियाएं बची हैं जिसे कैबिनेट में अंतिम रूप दिया जाना है .इससे भी जरूरी बात यह है कि उन्होंने Indian Motion Picture Producers Association प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि यदि संभव हो तो फिल्म निर्माताओं के लाभ के लिए सब्सिडी, एकल खिड़की मंजूरी, मुफ्त स्थान, कर छूट आदि सहित इंपा द्वारा प्रस्तावित सभी प्रावधानों को फिल्म नीति में शामिल किया जाएगा.
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IMPPA के सुझावों का स्वागत – बिहार सरकार
अतिरिक्त मुख्य सचिव हरजोत कौर ने बिहर फिल्म नीति को और बेहतर बनाने तथा उद्योग के अनुकूल फिल्म नीति सुनिश्चित करने के लिए इंपा से मिले अतिरिक्त इनपुट का स्वागत किया. चर्चा में एक बिंदु पर खास तौर से विचार किया गया कि कैसे प्रमोटर्स के लिए सिनेमाघरों में क्षेत्रीय फिल्मों का प्रदर्शन अनिवार्य किया जाए. ये कर दिया जाये तो क्षेत्रीय सिनेमा और इसकी दृश्यता के लिए एक सकारात्मक कदम साबित हो सकता है.
थियेटर्स को मिले सरकारी मदद और टैक्स छूट
बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई कि राज्य में सिनेमा हॉल भारी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं और उसे बनाये रखना काफी मुश्किल हो रहा है. ऐसे में यदि फिल्म नीति में सिनेमा हॉल/थियेटरों को सब्सिडी और टैक्स छूट देने का प्रावधान किया जाता है तो ज्यादा लोग सिनेमाहॉल व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रोत्साहित होंगे. इसके अलावा ये भी सुनिश्चित किया जाना चाहिये कि पुराने सिनेमा हॉल सरकारी मदद न मिलने के कारण ध्वस्त न हों जैसा कि वर्तमान में हो रहा है.
IMPPA ने बिहार सरकार के अधिकारियों के साथ अपनी चिंताएं और इंडस्ट्री की जरुरतों के बारे में चर्चा की . सरकार की तरफ से भी उन्हें आश्वासन मिला है कि सरकार उनकी चिंताओं को अपनी फिल्म नीति में शामिल करके ही उसे अंतिम रुप देगी. ऐसे में उम्मीद है कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश की तरह बिहार के लिए भी बॉलिवुड सकारात्म रुप से आगे बढ़ेगा. जाहिर है ऐसा होता है तो भोजपुरी हिंदी के साथ साथ भोजपुरी सिनेमा जगत को बड़ी राहत मिलेगी.