दिल्ली में मंगलवार को बिहार के नेताओं के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने AICC मुख्यालय में बैठक की. ऐसा बताया गया की बैठक में बिहार कांग्रेस के 35 -36 नेता मौजूद थे. बैठक करीब 3 घंटे चली.
#WATCH दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने AICC मुख्यालय में बिहार कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक की। pic.twitter.com/pRB1OJ1PUD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 26, 2023
बिहार के नेताओं के अचानक बुलाया गया दिल्ली
बिहार ने हाल में बनाए गए प्रभारी मोहन प्रकाश प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह, विधायक दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा, कौकब कादरी व डॉ. मदन मोहन झा, विधायक विजय शंकर दूबे, विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा, पूर्व केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर, शकील अहमद व पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार समेत कई नेता मौजूद थे.
बैठक के बारे में कहा जा रहा है कि इसकी जानकारी 1 दिन पहले दी गई जिसके चलते नेताएं ने आनन-फानन में दिल्ली का रुख किया. कई नेता तो पटना में मौजूद भी नहीं थे वो अपने निकटतम एयरपोर्ट से फ्लाइट लेकर दिल्ली पहुंचे
2024 की रणनीति पर हुई चर्चा
इंडिया गठबंधन की 19 दिसंबर की बैठक के बाद कांग्रेस सीट शेयरिंग को लेकर बड़ी कवायद करने में जुटी है इसी सिलसिले में ये बैठक भी बुलाई गई थी. बैठक के बाद बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद ने कहा, “राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने तीन घंटे की बैठक के दौरान बिहार के सभी शीर्ष पार्टी नेताओं से मुलाकात की और उनकी बातें सुनीं. हमें पता था कि हम गठबंधन में (2024 लोकसभा) चुनाव लड़ेंगे. हर पार्टी को लचीला होना होगा.” जहां तक सीटों का सवाल है, तभी (इंडिया) गठबंधन सफल होगा,”
VIDEO | “Rahul Gandhi and Mallikarjun Kharge met and listened to all top party leaders of Bihar during three hour-long meeting. We were aware that we will be contesting the (2024 Lok Sabha) election in alliance. Every party will need to be flexible as far as seats are concerned,… pic.twitter.com/kLRjnhPC4V
— Press Trust of India (@PTI_News) December 26, 2023
कांग्रेस की मुश्किल ये है कि वो एक राष्ट्रीय पार्टी होने के बावजूद उत्तर और पश्चिम के कुछ राज्यों जैस बिहार, पंजाब, यूपी, दिल्ली और महाराष्ट्र में छोटे भाई की भूमिका में है. ऐसे में सीट शेयरिंग में अगर उसे सीटें ही कम मिलेंगी तो 2024 में जीत के बाद भी उसका दबदबा नहीं बन पाएगा और आगे भी वो इन क्षेत्रीय पार्टियों के हाथ अपनी जमीन खोती ही रहेगी
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