प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा पहुंचे. पीएम ने यहां इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में चार दिनों तक चलने वाले 50वें अंतरराष्ट्रीय डेयरी संघ विश्व डेयरी सम्मेलन (IDF WDS- 2022) का उद्घाटन किया. सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि “मुझे विश्वास है कि ये सम्मेलन विचार, तकनीक, विशेषज्ञता औऱ डेयरी क्षेत्र से जुड़ी परंपराओं के स्तर पर एक दूसरे की जानकारी बढ़ाने और सीखने में बड़ी भूमिका निभायेगी.”
50 साल बाद हो रहा है डेयरी सम्मेलन
आपको बता दें डेयरी क्षेत्र से जुड़ा ये सम्मेलन भारत में पचास साल बाद आयोजित किया जा रहा है. सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के साथ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और कई केंद्रीय मंत्री भी शामिल हुए हैं. इस सम्मेलन में दुनियाभर के150 देशों के डेयरी कारोबार से जुड़े लोग हिस्सा ले रहे हैं. भारत में आखिरी बार ये सम्मेलन 1974 में हुआ था, उस समय भारत की दुग्ध उत्पादन क्षमता 23 मिलियन टन थी. जबकी आज भारत की दुग्ध उत्पादन क्षमता 220 मिलियन टन है. यानी दस गुना ज्यादा बढ़ी हो गई है.
पीएम मोदी ने क्या कहा….
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि विश्व के अन्य विकसित देशों से अलग, भारत में डेयरी सेक्टर की असली ताकत छोटे किसान हैं. भारत के डेयरी सेक्टर की पहचान बड़े पैमाने पर उत्पादन से ज्यादा बड़े समूह द्वारा उत्पादन की है. डेयरी सेक्टर का सामर्थ्य ना सिर्फ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देता है बल्कि दुनिया भर में करोड़ों लोगों की आजीविका का भी प्रमुख साधन है.
पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत पूरे विश्व में सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने वाला देश है. आज भारत के 8 करोड़ से ज्यादा परिवारों को ये सेक्टर रोजगार मुहैया कराता है. आज भारत में डेयरी सहकारी का एक ऐसा विशाल नेटवर्क है जिसकी मिसाल पूरी दुनिया में मिलना मुश्किल है. ये डेयरी कॉपरेटिव्स देश के दो लाख से ज्यादा गांवों में करीब-करीब दो करोड़ किसानों से दिन में दो बार दूध जमा करती है और उसे ग्राहकों तक पहुंचाती है. इस पूरी प्रकिया में बीच में कोई मिडिल मैन नहीं होता और ग्राहकों से जो पैसा मिलता है, उसका 70 प्रतिशत से ज्यादा किसानों की जेब में ही जाता है. पूरे विश्व में इतना ज्यादा अनुपात किसी और देश में नहीं है.