Sunday, September 8, 2024

यूथ कैरियर काउंसिलिंग मे बोले IAS Shah Faisal,जम्मू कश्मीर में 4 साल से कोई युवा नहीं बना आतंकी

नई दिल्ली:आईएएस शाह फैसल IAS Shah Faisal ने इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में जम्मू कश्मीर के युवाओं के लिए एक कैरियर परामर्श से बातचीत कार्यक्रम को संबोधित किया.उन्होंने कहा भारत ने 1947 में आजादी हासिल की थी, तब जम्मू कश्मीर में अत्यधिक उथल-पुथल थी लेकिन बाद में 1990 के दशक में जब उदारीकरण ने आर्थिक द्वार खोले और परिवर्तन की प्रक्रिया शुरू हुई तब भी जम्मू कश्मीर में हम  चूक गए लेकिन हमें अब नहीं चूकना चाहिए क्योंकि हम विकास की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.

IAS Shah Faisal ने कहा जम्मू कश्मीर की स्थिति में काफी सुधार हुआ

आईएएस शाह फैसल ने आगे कहा कि पिछले कुछ वर्षों में जम्मू कश्मीर की स्थिति में काफी सुधार हुआ है.पूंछ,राजौरी और कश्मीर में बहुत स्पष्टता है और शैक्षणिक माहौल में काफी सुधार हुआ है.जम्मू कश्मीर अब जबरदस्त स्तर पर बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले 4 वर्षों में जम्मू कश्मीर में चीजों में काफी सुधार हुआ है. कोई भी नागरिक नहीं मारा गया है. कोई घेरा और तलाशी अभियान नहीं हुआ है.हमारे किसी भी छात्र को परेशान नहीं किया गया है. फैसल ने कहा कि कोई नागरिक की हत्या नहीं हुई है. पिछले महीने ही तीन नागरिकों को सुरक्षा वालों ने उठाया था जिनके शवों के बाद भारी आक्रोश हुआ और बाद में रक्षा मंत्री सेना प्रमुख ने प्रभावित क्षेत्रों और शोक संतप्त परिवारों का दौरा किया.फैसल ने कहा कि जम्मू कश्मीर के छात्रों और युवाओं ने अत्यधिक अशांति देखी है.रक्तपात और हिंसा के चरम वर्षों के दौरान और विशेष रूप से 1989 से 2019 तक, हम सभी ने हड़तालों को अपने नियमित जीवन पर प्रभाव डालते हुए देखा है.मैं खुद इन हड़तालों के कारण 6 बहुमूल्य वर्ष खो दिए. जिससे न केवल हमारे शैक्षिक जीवन पर बल्कि हमारे व्यक्तिगत जीवन पर भी असर पड़ा.

शाह फैसल ने 2010 में यूपीएससी में किया था टॉप

जम्मू कश्मीर के आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने 2010 में यूपीएससी में टॉप किया था और बाद में 2019 में उन्होंने सेवा से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन 2021 में वापस सेवा में लौट आए थे. शाह फैसल ने 2019 में सेवा से इस्तीफा देने के बाद अपना खुद का राजनीतिक संगठन जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट लॉन्च किया लेकिन बाद में उनके फिर से सेवा में शामिल हो जाने पर लोगों की भौंहें तन गई थी क्योंकि लोग आश्चर्य चकित थे कि ऐसा क्या हो सकता है जिसके कारण उन्हें अचानक ऐसा करना पड़ा.

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लोग मुझे बीजेपी समर्थक और देशद्रोही भी कहते थे

नौकरी छोड़ने के अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए फैसल ने कहा कि मैं अपने नोएडा अपार्टमेंट में बैठा था और सोच रहा था कि मुझे क्या करना चाहिए. मेरी पत्नी भी एक अधिकारी है और वह तब खर्च उठा रही थी.यह कठिन समय था.मेरे पास सारी डिग्रियां थी और आईएस के तौर पर 10 साल का अनुभव था,लेकिन मुझे कुछ पता नहीं था. लोग मुझे बीजेपी समर्थक या कुछ लोग देशद्रोही भी कहते थे,लेकिन उस वक्त कुछ लोग मेरे पास आये जिन्होंने मुझे समझाया और कहा की ऐसा नहीं है.आलोचना करना बुरा है फिर उन्होंने मुझे एक और मौका दिया ताकि मैं फिर से इसमें शामिल हो सकूं और फिर 2021में इसमें शामिल हो गया.

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