Saturday, July 27, 2024

बेरोज़गारी के खिलाफ दिल्ली में किसानों की महापंचायत

किसान आज फिर दिल्ली में जमा हुए हैं. दिल्ली के जंतर मंतर पर सोमवार संयुक्त किसान मोर्चे ने किसान महापंचायत का आयोजन किया है. इसमें शामिल होने किसान बड़ी तादाद में दिल्ली पहुंच रहे हैं. किसानों का ये मोर्चा अपनी अन्य मांगो के साथ-साथ बेरोज़गारी के खिलाफ भी है. खबर है कि किसानों की भारी तादात को देखते हुए दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर गाजीपुर में प्रदर्शनकारी किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया है.


किसानों के दिल्ली कूच की वजह से दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर सराय काले खां के पास ग़ाज़ियाबाद से दिल्ली की तरफ कई किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम लगा है.


आपको बता दें संयुक्त किसान मोर्चा अराजनैतिक ने 22 अगस्त को दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसान महापंचायत का ऐलान किया था. जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए है. महापंचायत के आयोजन के चलते टिकरी बॉर्डर, प्रमुख मार्गों, रेल की पटरियों और मेट्रो स्टेशनों पर स्थानीय पुलिस और बाहरी बल की पर्याप्त तैनाती की गयी है साथ ही बॉर्डर पर जांच बढ़ा दी गई है. नतीजा ये है कि दिल्ली की रफ्तार धीमी हो गई है.
जानकारी के मुताबिक यह एक दिन का कार्यक्रम है, जिसे किसान शांतिपूर्ण व अनुशासन के आयोजित करने की बात कर रहे हैं. जंतर मंतर पर यह पंचायत सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक होगी. इस पंचायत के समापन के बाद महामहिम राष्ट्रपति जी को ज्ञापन सौंपा जाएगा.
संयुक्त किसान मोर्चा ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार उनके कार्यक्रम में व्यवधान डालने का प्रयास करेगी तो उसके परिणाम के लिए स्वयं सरकार ही जिम्मेदार होगी.
संयुक्त किसान मोर्चा की प्रमुख मांगें:-
1- लखीमपुर खीरी नरसंहार के पीड़ित किसान परिवारों को इंसाफ मिले
2- लखीमपुर मामले में जेलों में बंद किसानों की रिहाई व नरसंहार के मुख्य दोषी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी की जाए.
3- स्वामीनाथन आयोग के C2+50% फॉर्मूले के अनुसार MSP की गारंटी का कानून बनाया जाए
4- देश के सभी किसानों को कर्जमुक्त किया जाए.
5- बिजली बिल 2022 रद्द किया जाए.
6- गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाया जाए और गन्ने की बकाया राशि का भुगतान तुरन्त किया जाए.
7- किसान आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए सभी मुकदमे वापस लिए जाए

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