Friday, December 27, 2024

Kartik Purnima के मौके पर देश में उत्सव,देव दीपावली और गुरुनानक जयंती की धूम,पटना के घाटों पर भारी जुटी भीड़

Kartik Purnima को हिन्दू धर्म में बहुत शुभ माना जाता है.कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है. भारत जैसे देश में इस दिन गंगा स्नान को बहुत महत्वूर्ण माना जाता है. इस दिन पर भारी संख्या में लोग घाटों पर जाकर स्नान करते है. राजधानी पटना में  कार्तिक पूर्णिमा के दिन घाटों पर मेला जैसा दिखाई दिया. बताया जा रहा है की घाट पर स्नान के लिए 3 लाख से भी ज्यादा श्रद्धालुओ की पहुंचने की संभावना है. प्रशासन ने 65 घाटों पर गंगा स्नान की व्यवस्था की है. आपको बता दे की कार्तिक पूर्णिमा के दिन को हमारे सिख भाई बहन गुरूपरब के रूप मे भी मनाते हैं. इस दिवस गुरुनानक का भी जन्म हुआ था. आज के दिवस को लोग ”देव दीपावली” भी कहते हैं.

DEV DEEPAWALI UTSAV
DEV DEEPAWALI UTSAV

Kartik Purnima के दिन क्या क्या करना चाहिये

कार्तिक पूर्णिमा को भारत में बहुत पवित्र माना जाता है. इस दिन लोग अपने आस पास के गंगा नदियों में या घाटों पर जा कर स्नान करते है. इस दिन गंगा स्नान को बहुत पवित्र माना जाता है. नारद पुराण के अनुसार कार्तिक मास की पूर्णिमा को सम्पूर्ण शत्रुओं पर विजय पाने के लिये कार्तिकेय जी का दर्शन करना चाहिए . उसी तिथि को प्रदोषकाल में दीप–दान के द्वारा सम्पूर्ण जीवों के लिये सुखदायक ‘त्रिपुरोत्सव’ करना चाहिये. इस दिन मोक्ष प्राप्त करने के लिए दीप का दर्शन करना चाइये . इस दिन पूर्णिमा के समय छह कृत्तिकाओं की पूजा, खड़्गधारी कार्तिकेय की पूजा और वरुण-अग्नि की पूजा के लिए गन्ध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, अन्न, फल और शाकों का उपयोग किया जाता है.

कार्तिक पूर्णिमा पर दीप दान करने की है परंपरा

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सनातन धर्म में दीपदान करने की पंरपरा है.  मानाज जाता है कि आज के दिन दीप दान करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपना अशीर्वाद देते हैं. इस लिए लोग आसपास की नदियों,पोखर आदि में जाकर दीप दान करते हैं. जिन लोगों के आस पास नदी या नहर नहीं होता है वो लोग अपने अपने घरों में गड्ढ़ा आदि खोद कर दीये जलाते हैं.  उसे चन्दन और जल से सींचा जाता है. उस गड्ढे में गाय के दूध से भरकर सुवर्णमय मत्स्य डाला जाता है. जिसके नेत्र मोती से बने होते हैं. उसके बाद ‘महामत्स्याय नमः’ मन्त्र का उच्चारण करके मत्स्य की पूजा की जाती है और ब्राह्मण को उस मत्स्य का दान किया जाता है. इसे ‘वृषोसर्गव्रत’ और ‘नक्तव्रत’ भी कहा जाता है, जो मनुष्य को भगवान विष्णु के समीप आनंदित करता है.
व्रतुत्सव चंद्रिका अध्याय क्रमांक 31 के अनुसार, प्राचीन काल से यह कतकी या कार्तिकी के नाम से प्रचलित है. इस दिन विष्णु का मत्स्य अवतार भी हुआ था. पवित्रता के पीछे एक लम्बी कहानी है बताया जाता है की इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक असुर का वध कर दिया गया था.

Dev Deepawali Deep Dan
Dev Deepawali Deep Dan

कार्तिक पूर्णिमा पर पटना के घाटों पर भारी भीड़

पटना के घाटों पर 3 लाख से भी ज्यादा श्रद्धालु पहुंचने की संभावना है. गंगा स्नान के लिए प्रशासन ने 65 घाटों पर गंगा स्नान की व्यवस्था की है. इनमे दीघा क्षेत्र के जेपी सेतु घाट, बिंद टोली घाट, पाटीपुल घाट, राजापुर पुल घाट, जैसे अन्य घाट भी शामिल है. इन घाटों पर अधिक भीड़ होने की उम्मीद को देखते हुए, यहां मजिस्ट्रेट, पुलिस अधिकारी, चिकित्सा कैंप, अग्निशमन टीम, एनडीआरएफ, एसडीआरफ, वाटर टैंक आदि की व्यवस्था की गई है.

Patna Kartik Purnima snan
Patna Kartik Purnima snan

बाहर से आने वाले लोगों को परेशानी ना हो उसके लिए रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई , वही गंगा गंगा नदी में जहां घाटों की स्थिति अच्छी नहीं है. उसे प्रशासन की ओर से खतरनाक घोषित कर दिया गया है. गंगा स्नान के लिए आने वालों के लिए पार्किंग की भी व्यवस्था की गयी है.

कार्तिक माह शुक्ल पक्ष के चतुर्दशी को भगवान शिव और विष्णु की पूजा बैकुंठ चतुर्दशी के मौके पर श्रद्धालुओं ने श्रद्धा और भक्तिभाव से की. श्रद्धालुओं ने बैकुंठ चतुर्दशी की पूजा की.  इस दिन भक्तों ने भगवान शिव तुलसी पत्र और भगवान विष्णु को बेलपत्र चढ़ाकर पूजन किया गया।कार्तिक पूर्णिमा के दिन को हमारे सिख भाई बहन गुरूपरब के रूप मे भी मनाते हैं. इस दिवस गुरुनानक का भी जन्म हुआ था.

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