Thursday, November 21, 2024

Opinion: चौबे चले थे छब्बे बनने, दुबे बन के आए- 5 विधानसभा चुनाव के बाद अब India Alliance में हुआ कांग्रेस का कुछ ऐसा हाल

रविवार को आए चार राज्यों के नतीजों ने खरगोश और कछुए की कहानी याद दिला दी…..राजस्थान को छोड़ भी दें तो छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में तो कांग्रेस खरगोश ही साबित हुई. जहां बीजेपी मैदान में दूर दूर तक नहीं दिख रही थी वहाँ नतीजे आए तो बीजेपी ने केवल जीत ही नहीं हासिल की बल्कि जबरदस्त बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज़ हुई. ऐसे में कांग्रेस जो 5 राज्यों में चुनावों के बाद इंडिया गठबंधन पर अपनी पकड़ मजबूत करने की सोच रही थी उसका हाल अब कुछ ऐसा है कि चौबे चले थे छब्बे बनने, दुबे बन के आए.

नीतीश और अखिलेश की अनदेखी की मिली सज़ा

पांच राज्यों में आए चुनाव नतीजों के बाद अब सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि अपने अहंकार की वजह से कांग्रेस ने INDIA गठबन्धन को शुरू करने वाले नीतीश कुमार को ही किनारे कर दिया और अखिलेश यादव के साथ धोखा किया, उनका अपमान किया- इन दोनों वजहों से OBC वोटर छिटक गया. लोगों ने कांग्रेस के हिंदुत्व कार्ड पर भी भरोसा नहीं किया, इसे वोटर्स ने मौकापरस्ती समझा. कांग्रेस के खुर्राट, भ्रष्ट, नेताओं ने कांग्रेस की लुटिया डुबो दी, जिनपर कांग्रेस आज भी निर्भर है….. अगर ऐसा ही रहा तो 2024 में भी कांग्रेस की नैया डूबने से कोई नहीं बचा सकता.
यानी हार जरूर विधानसभा चुनाव में हुई है लेकिन असर तो 2024 लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा. खासकर बिहार और महाराष्ट्र में जहां प्रदेश कांग्रेस इस फिराक में थी कि जीत के बाद अपनी स्थिति मजबूत होने पर लोकसभा सीटों में बड़ा हिस्सा पा जाएंगे. लेकिन अब हाल ये है कि बिहार में तो नीतीश कुमार नाराज़ हैं और वो अपनी नाराजगी 2 नवंबर को ही जता भी चुके हैं.

नीतीश ने किया था कांग्रेस को आगह

2 नवंबर को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की पटना में आयोजित ‘भाजपा हटाओ देश बचाओ’ रैली में नीतीश कुमार ने साफ कहा था, “…भारत गठबंधन तो हो गया लेकिन कुछ खास नहीं हो रहा है. हम सब मिलकर कांग्रेस पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे थे लेकिन उन्हें अभी इस सब की चिंता नहीं है. वे व्यस्त हैं अभी 5 राज्यों के चुनाव में. हलांकि इस बयान के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 4 नवंबर को एक टीवी चैनल के इंटरव्यू में कहा था कि उनकी नीतीश कुमार से टेलीफोन पर बात हो गई है. “हमारा अंतिम लक्ष्य 2024 है. वे सब अच्छे लोग हैं. सब मिलकर बीजेपी को हराने की योजना तैयार कर रहे हैं.”

अखिलेश को अब मनाना नहीं होगा आसान

वहीं यूपी में अखिलेश यादव भी साफ कह चुके हैं कि जैसा मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने हमारे साथ किया वैसा हम यूपी में उनके साथ करेंगे. हलांकि ये बात अलग है कि अखिलेश की पार्टी अपने दम पर मध्य प्रदेश में एक भी सीट नहीं जीत पाई.

बिहार में कांग्रेस पहले भी कर चुकी है आरजेडी का नुकसान

यानी 2024 लोकसभा चुनाव जिसे जीतने के लिए नीतीश कुमार कांग्रेस के सारथी बने थे…..वो अब अंतर कलह और कांग्रेस के लालच की भेंट चढ़ सकता है. बात अगर सिर्फ बिहार की करें तो 2020 विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस का सहयोगियों के प्रति ऐसे ही रुख ने गठबंधन की लुटिया डुबो दी थी, तब कांग्रेस की ज्यादा सीटों के लालच ने न सिर्फ कम्युनिस्ट पार्टियों को गठबंधन से बाहर कर दिया था बल्कि कांग्रेस खुद भी सारी सीटों को जीत नहीं पाई थी. कांग्रेस की जिद्द ने तब आरजेडी को सत्ता से दूर कर दिया था. और अब तो महागठबंधन में सिर्फ कांग्रेस के पक्के दोस्त लालू ही नहीं जेडीयू के नीतीश कुमार और लेफ्ट पार्टियां भी हैं. ऐसे में कांग्रेस के लिए 2024 लोकसभा और 2025 विधानसभा दोनों ही मौकों पर ज्यादा सीट पाना लगभग नामुमकिन ही होगा.

ये भी पढ़ें-Raghav Chadha: राज्यसभा ने AAP सांसद राघव चड्ढा का निलंबन रद्द किया, बिना शर्त…

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news