इन दिनों पूरे देश में यूनिफार्म सिविल कोड को लेकर चर्चाएं गर्म है. यूनिफॉर्म सिविल कोड मसले पर 22वें लॉ कमीशन यानी विधि आयोग ने 14 जून को सार्वजनिक और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों के साथ इससे जुड़े लोगों से राय की मांग करते हुए परामर्श प्रक्रिया शुरू कर दी थी. ऐसे में उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के लिए बनाई गई कमेटी ने राज्य के लोगों से सुझाव मांगे हैं.
राज्य सरकार ने इस व्यवस्था को लागू करने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई थी, जिसकी अध्यक्षता रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई कर रही हैं. इस कमेटी ने सरकार को कोई भी सुझाव देने से पहले जनता की राय मांगी है. अगर आप उत्तराखंड के नागरिक हैं तो यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर अपनी राय इस कमेटी तक आसानी से पहुंचा सकते हैं. आप अपनी राय ऑनलाइन या फिर चिट्ठी के ज़रिए भी बता सकते हैं. तो हम आपको विस्तृत तौर पर बताएंगे कि कैसे यहाँ अप्लाई करना है लेकिन उससे पहले एक बार जान लीजिये कि आखिर ये यूनिफार्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता है क्या.
क्या है Uniform Civil Code?
दरअसल समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करना भारतीय जनता पार्टी के चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा रहा है. पिछले दिनों बीजेपी ने कर्नाटक चुनाव के दौरान भी UCC लागू करने का वादा किया था. समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) पूरे देश के लिए एक समान कानून बनाने की प्रक्रिया है, जो सभी धार्मिक समुदायों पर उनके व्यक्तिगत मामलों जैसे विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेने आदि में लागू होगा. इसके फायदे ये होंगे कि इस कानून के आने के बाअद किसी समुदाय का मनगढ़त कानून नहीं बल्कि देश का एक ही कानून मान्य होगा. और उसी के हिसाब से सारे काम विधि पूर्वक पूरे होंगे.
आसान भाषा में कहा जाए तो समान नागरिक संहिता किसी भी धर्म की परवाह किए बिना सभी नागरिकों के व्यक्तिगत मामलों को नियंत्रित करने के लिए कानूनों का एक सेट रखती है.
अब आपको एक विशेष मौका मिला है अपने सुझाव यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर देने का तो ये किया कैसे जाये
कैसे करें एपलाई?
तो तुरंत अपने मोबाइल या देसकटॉप पर बैठे.
Step 1: अपना ब्राउज़र खोलें और लॉग ऑन करें legalaffairs.gov.in इसका लिंक आपको हमारे डिस्क्रिप्शन में भी मिल जाएगा.
https://legalaffairs.gov.in/law_commission/ucc/index.php
Step 2: इसके बाद एक फॉर्म खुलता है जिसमें आपको पहले अपना नाम, संपर्क नंबर, संगठन, पता, राज्य, जिला और पिन कोड जैसे जानकारियां देनी होंगी।
Step 3: इसके बाद अब या तो अपने लैपटॉप/कंप्यूटर से पीडीएफ प्रारूप में अपने विचार अपलोड करने के लिए चुनें या नीचे दिए गए बॉक्स में अपने सुझाव दें.
Step 4: में अगर आप अपलोड फॉर्म को चूसे करते हैं , तो एक इंटरफ़ेस खुलता है जो आपको फ़ाइल को पीडीएफ प्रारूप में अपलोड करने के लिए कहता है. याद रखें, PDF का size अधिकतम 2MB होना चाहिए.
Step 5: अगर आप ‘शब्दों में सुझाव’ चुनते हैं, तो एक लेखन इंटरफ़ेस खुल जाता है.
जहाँ आपको लिखने का ऑप्शन मिलेगा वहां आप अपने विचार टाइप करें और फिर सबमिट दबाएं
सुझाव देनें की ये है आखरी तारीख
आपके पास अपने सुझाव और राय देने के लिए 7 अक्टूबर तक का वक्त है. आप अपनी राय न सिर्फ समान नागरिक संहिता को लेकर दे सकते हैं बल्कि विवाह, तलाक, संपत्ति का अधिकार, उत्तराधिकार आदि कई विषयों पर भी सुझाव दे सकते हैं क्योंकि कमेटी इन सब विषयों पर भी विचार कर रही है.