Sunday, February 23, 2025

Hemant Soren Case : ‘वो’ केस जो बन गया हेमंत सोरेन की गले की फांस,करवा दिया गिरफ्तार

रांची ( न्यूज डेस्क)  झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन गिरफ्तार हो चुके हैं.Hemant Soren Case बुधवार शाम ईडी ने उन्हें अपनी हिरासत में ले लिया है. सोरेन पूरी रात रांची में  ईडी दफ्तर में रखे गये. सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट मे अपील की है.गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेन ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर जारी किया था. जिसमें सोरेन ने आरोप लगाया कि फर्जी कागजों के आधार पर इडी उन्हें गिरफ्तार कर रही है.हाल ही में एक राजनीतिक षड्यंत्र का शिकार बिहार हुआ है, अब ये दूसरा शिकार झारखंड को बनाना चाहते हैं…”

हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी से पहले राज्यपाल से मुलाकात भी किया था और अपना इस्तीफा उन्हें सौंप दिया था. अब गिरफ्तार  किये गये हेमंत सोरेन को इडी आदारत मे पेश करके रिमांड लेगी और उन तमाम घोटालों की जांच करेगी जिसके आरोप हेमंत सोरेन पर लगाये गये हैं.

Hemant Soren Case – 2022 में बरियातू थाने में दर्ज हुआ एक केस

आइये तो आपको बताते हैं कि आखिर वो कौन सा कथित जमीन घोटाला है, जो हेमंत सोरेन की गले की फांस बन गया.जून 2022 में रांची के बरायतु पुलिस थाने में रांची नगर निगम के टैक्स कलेक्टर दिलीप शर्मा की तरफ से एक एफआईआर दर्ज कराई गई , जिसमें अवैध जमीन बेचने को लेकर  प्रदीप बागची नाम के एक व्यक्ति को आरोपी बनाया गया था.

प्रदीप बागची पर क्या थे आरोप ?

रांची नगर निगम के टैक्स कलेक्टर दिलीप शर्मा ने अपनी FIR में प्रदीप बागची पर आरोप लगाया था कि उसने फर्जी कागजों के जरिए भारतीय सेना की एक संपत्ति हड़प ली है. ये मामला प्रवर्तन निदेशालय के पास गया. ईडी ने जब मामले की जांच की तो पता चला कि साढ़े चार एकड़ की ये जमीन बीएम लक्ष्मण राव नाम के व्यक्ति की थी, जिन्होने देश की आजादी के बाद इसे भारतीय सेना को दे दिया था.

मामले में अप्रैल 2023 में गिरफ्तार हुए 7 आरोपी

इसी मामले में पिछले साल यानी  अप्रैल 2023  में प्रवर्तन निदेशायल ने प्रदीप बागची के साथ साथ 7  आरोपियों को गिरफ्तार किया. इन सात आरोपियों में दो आरोपी अली और भानु प्रताप सरकारी कर्मचारी थे. अफसर अली गवर्मेंट होस्पिटल में ग्रेड-3 कर्मचारी था, जबकि भानु प्रताप रेवेन्यू सब-इंस्पेक्टर था. इसके अलावा सभी आरोपी जमीन माफिया से जुड़े थे और  नकली कागजों के  जरिये किसी और की जमीन किसी और को बेचने का काम करते थे.

इस मामले में पिछले साल 4 मई को ईडी ने आईएएस अधिकारी छवि रंजन को भी गिरफ्तार कर लिया. छवि रंजन रांची में डिप्टी कमिश्नर के पद पर इस दौरान कमिश्नर के पद पर तैनात थे, जिस समयकाल में ये घटनाएं हुई. छवि रंजन दो साल तक इस पद पर तैनात थे.छवि रंजन पर आरोप लगा कि उनके पद पर रहते हुए कथित जमीन की इल्लीगल खरीद- बिक्री की गई और इसमें छवि रंजन ने उनकी मदद की.

जमीन माफिया कैसे करते थे ये काम ?

प्रवर्तन निदेशाय ने जांच के दौरान देखा कि सेना की जमीन के मालिक प्रदीप बागची  को जमीन का असली मालिक दिखाने के लिए जमीन माफियाओं ने  बिचौलियों और सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर काम किया.

जांच में ईडी ने पाया कि एक फर्जी दस्तावेज बनाया गया था जिसे 1932 का बताया गया था.इस दस्तावेज में ये लिखा था कि उस जमीन को आरोपी प्रफुल्ल बागची ने सरकार से खरीदा  था. 90 साल  के बाद 2021 में प्रफुल्ल बागची के बेटे प्रदीप बागची ने वो जमीन कोलकाता की जगतबंधु टी एस्टेट लिमिटेड को बेच दी.

जिस जमीन को जगतबंधु टी एस्टेट लिमिटेड का बताया गया उसके डायरेक्टर दिलीप घोष को बताया गया लेकिन जांच में पता चला कि जमीन के असली मालिक अमित अग्रवाल नाम के व्यक्ति हैं . जांच में ये भी पाया गया कि अमित अग्रवाल कथित तौर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफी करीबी माने जाते हैं. जून 2023 में प्रवर्तन निदेशायल ने दिलीप घोष और अमित अग्रवाल को भी गिरफ्तार किया.

प्रवर्तन निदेशायल ने पाया कि जमीन के नकली मालिक को असली मालिक बताने के लिए पूरा सिंडेकेट का काम करता था. केमिकल के जरिये पुराने नाम मिटाकर नये नाम डाले जाते थे.  इस काम में जमीन रजिस्ट्री ऑफिस के कर्मचारी भी संलिप्त पाये गये. ईडी ने छापेमारी के दौरान आरोपियों के पास से सरकारी सील,पुराने स्टैप पेपर और कई डीड भी हासिल किये.फारेंसिक जांच में वो दस्तावेज भी नकली पाये गये जिसे असली बात कर ग्राहकों को दिया गया था.

कैसे फंसे सीएम सोरेन ?

इस जमीन घोटाला मामले में पिछले साल इडी ने प्रेम प्रकाश नाम के व्यक्ति को  गिरफ्तार किया था, जिसे हेमंत सोरेन का करीबी माना जाता था. प्रेम प्रकाश को ईडी ने पहले 2022 में अवैध खनन औऱ मनि लॉंड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था. हाईकोर्ट में इस मामले में ही ईडी ने कहा था कि प्रेम प्रकाश द्वारा की जा रही काली कमाई के हिस्सेदार सीएम हेमंत सोरेन भी हैं.

इडी ने अब तक 236 करोड़ से ज्यादा की जमीन जब्त की

मामले की जांच कर रही इडी की टीम का दावा है कि उनके पास इस संबंध में दर्जनों डीड हैं और ईडी अब तक 236 करोड़ रुपये से ज्यादा की जमीन जब्त कर चुकी है.

कथित जमीन घोटाल में अब तक 14 गिरफ्तार

झारखंड के इस महाजमीन घोटाले में अब तक ईडी ने 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.गिरफ्तार आरोपियों में  प्रदीप बागची, सद्दाम हुसैन, अफसर अली,  इम्तियाज अहमद, फैयाज खान, तल्हा खान,  IAS अधिकारी छवि रंजन, भानू प्रताप प्रसाद, दिलीप घोष, अमित अग्रवाल, विष्णु अग्रवाल, राजेश राय, भरत प्रसाद और प्रेम प्रकाश को गिरफ्तार कर लिया है.

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सीएम प्रतिनिधि पंकज मिश्रा बने अहम गवाह 

इसके अलावा झारखंड के साहिबगंज से सीएम प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को भी ईडी ने 2022 में गिरफ्तार किया. पंकज मिश्रा से इडी को सीएम हेमंत सोरेन से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली . ईडी के मुताबिक पंकज मिश्रा के पास से उन्हें हेमंत सोरेन के नाम की बैंक पासबुक और साइन किये हुए चेक भी मिले हैं.

प्रवर्तिन निदेशायल का दावा है कि पिछले करीब 2 साल से जारी जांच के आधार पर उनके पास इतने सबूत है कि हेमंत सोरेन को अवैध जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार किया जा सके.

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