बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि भाजपा से गठजोड़ तोड़ कर राजद के साथ गलबहियां कर अपनी कुर्सी बचाने वाले नीतीश कुमार आज सबसे कमजोर, विवश व लाचार मुख्यमंत्री साबित हो रहे हैं. सरकार का इकबाल खत्म हो चुका है. महागठबंधन में जारी अंतर्विरोध से जहां मुख्यमंत्री लाचार हो गए हैं, वहीं प्रशासनिक अराजकता की वजह से अपराधियों, भ्रष्टाचारियों व शराब माफियाओं की चांदी कट रही है.
विजय सिन्हा ने साधा नीतीश कुमार पर निशाना
विजय सिन्हा ने आगे ये भी कहा कि राजद कोटे के एक पूर्व मंत्री ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए ‘ शिखंडी’ व ‘नाइट गार्ड’ तक का शब्द प्रयोग किया, उन्हें सीधे तौर पर चुनौती दी, मगर मुख्यमंत्री अपने सहयोगी राजद पर दबाव बना कर उक्त पूर्व मंत्री पर किसी तरह की कार्रवाई कराने में अब तक विफल रहे हैं. इसके साथ रामचरित मानस की निंदा कर समाज में नफरत फैलाने की मंशा से बयान देने वाले अपने ही शिक्षा मंत्री के खिलाफ भी खुद कार्रवाई करने या राजद से कार्रवाई कराने का साहस मुख्यमंत्री नहीं जुटा पा रहे हैं. राजद ने सुधाकर सिंह के खिलाफ कार्रवाई के लिए मकरसंक्रांति तक इंतजार करने का संकेत दिया था. दूसरी ओर ‘संविधान ने सबको बोलने का अधिकार’ जैसा बयान देकर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सुधाकर से लेकर शिक्षा मंत्री तक को कवर देकर नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के नेताओं को ठेंगा दिखा दिया है.
‘लाचार हैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार’
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इतने लाचार है कि न तो खुद शिक्षा मंत्री पर कार्रवाई कर सकते हैं, न राजद नेतृत्त्व पर दबाव बना सकते हैं. जदयू नेताओं की शिक्षा मंत्री से बार-बार बयान वापस लेने, माफी मांगने की मांग का भी राजद नेतृत्त्व पर कोई असर नहीं पड़ रहा है. दरअसल फिलहाल नीतीश कुमार राजद के ‘स्टाम्प’ मुख्यमंत्री बन कर रह गए हैं, जिनसे बिहार का भला कतई सम्भव नहीं है.