Hathras Stampede : उत्तर प्रदेश हाथरस में सत्संग कार्यक्रम में भगदड़ के दौरान मरने वालों की संख्या बढ़ कर 117 हो गई है. आशंका जताई जा रही है कि मौत का आंकड़ और बढ़ सकता है. जानकारी के मुताबिक भोले बाबा नाम के एक बाबा के सत्संग में 40 से 50 हजार लोगों की मौजूदगी थी. हादसे को लेकर पूरे प्रदेश में हड़कंप मंच गया है. सीएम योगी आदित्यनाथ खुद इस मामले की मॉनिटरिंग कर रहे है. लखनऊ से तीन मंत्रियो के साथ तमाम बड़े पुलिस अधिकारी हेलिकॉप्टर से मौके पर पहुंचे .
जनपद हाथरस की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में हुई जनहानि अत्यंत दुःखद एवं हृदय विदारक है।
मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं।
संबंधित अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों के युद्ध स्तर पर संचालन और घायलों के समुचित उपचार हेतु निर्देश दिए हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार में मा.…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 2, 2024
Hathras Stampede सीएम योगी ने किया मुआवजे का ऐलान
सीएम योगी ने अब तक हादसे में मारे गये लोगों के लिए 2 -2 लाख मुआवजे का ऐलान किया है वहीं घायलो को 50 हजार की मदद देने की घोषणा की है.
कैसे हुआ इतना बड़ा हादसा ?
बताया जा रहा है हादसा उस समय हुआ जब भोले बाबा नाम के इस बाबा का सत्संग खत्म हो गया था और बच्चों और महिलाओं समेत हजारों लोग बाबा के पीछे पीछे चल रहे थे. महिलाएं एक बार बाबा के दर्शन करना चाहती थीं. इसी दौरान भडगड़ मच गई और लोग एक के बाद एक दूसरे के उपर गिरने लगे.भीड़ में बच्चे भी शामिल थे.
जानिये कौन हैं भोले बाबा ?
स्थानीय स्तर पर मिली जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के ही कांशीराम नगर (कासगंज) के पटियाली गांव का रहने वाले हैं. संत बनने से पहले वो उत्तर प्रदेश पुलिस में नौकरी करते थे. 18 साल की नौकरी के बाद स्वैच्छिक रियरमेंट (वीआरएस) ले लिया और अपने गांव में झोपड़ी बना कर रहने लगे.धीरे धीरे भक्ति करने लगे औऱ आस पास के गांव के लोगों के बीच जाकर लोगों के भक्ति का पाठ पढ़ाने लगे. ये बाबा खुद को ही भोले बाबा का स्वरुप मानते हैं, इस लिए लोग इन्हे भोले बाबा कहने लगे. किसान परिवार से आये भोले बाबा का बचपन माता पिता के साथ खेती बाड़ी करते बीता, बड़े हुए तो पुलिस में भर्ती हुए. इनकी पोस्टिंग राज्य के करीब दर्जन भर जिलों में हुई. बाद में इटेलिजेंस यूनिट में भी रहे. जानकारी के मुताबिक भोले बाबा पर कई आपराधिक मुकदमे भी दर्ज हैं. इनमें एक यौन उत्पीडन का मामला भी शामिल है.
मेरा कोई गुरु नहीं- भोले बाबा
इस भोले बाबा का कहना है कि उनका कोई गुरु नहीं है, मुझे ईश्वर से बेहद लगाव है इसलिए अपनी पूरी जिंदगी मानव सेवा में लगा दी. इस संत भोले बाबा को लाखों भक्त हैं.
कोरोना काल में भी इनके खिलाफ हुआ था मामला
ये पहला मौका नहीं है जब इस बाबा के प्रवचन कार्यक्रम में हजारों लोगों की भीड़ जुटी हो.2022 में जब देश में कोराना की लहर पीक पर थी , तब भी इसने उत्तर प्रदेश के ही फर्रुखाबाद में सत्संग का आयोजन किया था. जिला प्रशासन ने केवल 50 लोगों को आने के लिए अनुमति दी थी, लेकिन सरकार के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए सत्संग में 50,000 से ज्यादा लोग शामिल हुए थे.अचनाक शहर में उमडी भीड़ के कारण शहर की ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी.