Saturday, July 27, 2024

Haryana Political crisis : हरियाणा में सियासी संकट अभी टला नहीं, तीनों निर्दलीय उम्मीदवार ने फिर राज्यपाल को भेजी चिट्ठी

Haryana Political crisis: हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार का संकट अभी टला नहीं है. तीनों निर्दलीय विधायक, जिन्होंने 7 मई को नायब सिंह सैनी सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला किया था, उन्होंने एक बार फिर से राजभवन को अपनी समर्थन वापसी की चिट्ठी भेजी है.

Haryana Political crisis : 3 विधायकों के समर्थन वापसी के बाद संकट में आई सरकार

दऱअसल 7 मई को जब तीनों विधायक चरखी दादरी से सोमवीर सिंह सांगवान, पूंडरी से रणधीर सिंह गोलन  और नीलोखेड़ी से विधायक धर्मपाल सिंह ने जब अपने समर्थन वापसी का पत्र राज्यपाल को भेजा था तो राजभवन ने तीनों विधायकों के पत्र को ये कहते हुए खारिज कर दिया था कि तीनों विधायकों के समर्थन वापसी का पत्र एक ही इमेल आईडी से आया है , जबकि तीनो के आधिकारिक इमेल आईडी अलग अलग हैं.इस लिए तीनों के समर्थन वापसी की चिट्ठी को वैध नहीं माना गया.

तीनों विधायकों ने एक बार फिर भेजा समर्थन वापसी का पत्र  

दरअसल  जैसे ही तीनों विधायकों ने नायब सिंह सरकार से अपने समर्थन वापसी की चिट्ठी राज्यपाल को भेजी , उसके साथ ही वर्तमान नायब सिंह सैनी सरकार अल्पमत में आ गई थी. विपक्षी गठबंधन राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय पर बहुमत परीक्षण के लिए दवाब बनाना शुरु कर दिया. वहीं राजभवन के तीनों विधायकों के समर्थन वापसी के पत्र को अमान्य बात कर खारिज कर देने से स्थिति थोड़े समय के लिए टल गई लेकिन अब एक बार फिर से नायब सिंह सरकार के लिए संकट उत्पन्न हो गया है. आज तीनों विधायकों सोमवीर सिंह सांगवान, रणधीर सिंह गोलन  और धर्मपाल सिंह ने राज्यपाल को फिर से समर्थन वापसी का पत्र भेजा हैस वो भी अलग अलग मेल आईडी से, ताकि राज्यपाल अब चिट्ठी को अमान्य ना बाते सकें. अब देखना दिलचस्प होगा कि राज्यपाल इस पत्र पर किस तरह से प्रतिक्रिया देते हैं. सारा दारोमदार राज्यपाल की प्रतिक्रिया पर टिका है. इस बार के पत्र में बताया जा रहा है कि  तारीख के चक्कर फंस सकता है. तीन विधाकों मे से दो विधायकों के चिट्ठी मे तारीख नहीं लिखी है. ऐसे में राज्यपाल के पास एक बार फिर से चिट्ठी को रिजेक्ट करने का रास्ता खुला है.

हरियाणा में इसी साल है विधानसभा चुनाव 

हरियाणा में लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं. वर्तमान सरकार का कार्यकाल अक्टूबर में समाप्त हो रहा है . ऐसे में विपक्षी दल अभी से इस तैयारी में जुट गये हैं कि वर्तमान सरकार को गिरा कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाये.और तय समय पर विधानसभा चुनाव के साथ ही नई सरकार का गठन किया जाये.

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