प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी GYANVAPI मामले में मुस्लिम पक्ष की तरफ से दाखिल की गई याचिका खारिज कर दी है. मुस्लिम पक्ष की तरफ से अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने यहां होने वाली नियमित पूजा को लेकर याचिका दायर की थी.
मुस्लिम पक्ष ने जिला कोर्ट में सुनवाई रोकने की मांग की थी
मुस्लिम पक्ष की तरफ से अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने वारणसी के जिला कोर्ट मे चल रही सुनवाई के खिलाफ याचिका दायर की थी. दोनो पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षति रख लिया है . अगली सुनवाई 7 जुलाई को होगी. हिंदु पक्ष ने इसे अपनी जीत बताया है.
हिंदु पक्ष की तरफ से ओर से अदालत में केस लड़ रहे अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि हम अदालत के इस फैसले का स्वागत करते हैं.
It is a big win for the Hindu side. We welcome the decision of the court to dismiss Order 7 Rule CPC plea filed by Anjuman Intazamia Mosque Committee which challenged the maintainability of the suit of five Hindu women worshippers seeking the right to worship inside Gyanvapi… pic.twitter.com/wGZQ7VFQnE
— ANI (@ANI) May 31, 2023
GYANVAPI को लेकर जिला कोर्ट में क्या है मामला?
दरअसल वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी GYANVAPI मस्जिद के एक हिस्से में मौजूद श्रृंगार गौरी के मंदिर में पूरे साल केवल एक बार नवरात्री में पूजा करने की इजाजत मिलती है. हिंदु पक्ष की तरफ से वाराणसी के जिला जज की कोर्ट में याचिका दायर की गई है कि यहां नियमित पूजा करने की इजाजत मिले.इस पर वाराणसी जिला जज की अदालत में सुनवाई चल रही है.अजुमन इंतजामिया कमेटी की तरफ से इसपर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की गई थी.
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मुस्लिम पक्ष ने GYANVAPI मामले की पोषनीयता पर उठाया था सवाल
मुस्लिम पक्ष की तरफ से अजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने हिंदु पक्ष की तरफ से दाखिल याचिका की पोषनीयता पर सवाल उठाते हुए आपत्ति दर्ज की थी. मुस्लिम पक्ष की तरफ से दाखिल याचिका में प्लेसस ऑफ वर्शिप एक्ट के तहत कहा गया था कि इस मामले को सुनने का अधिकार जिला कोर्ट के पास नहीं है . मुस्लिम पक्ष की ओर से दाखिल याचिका को वाराणसी कोर्ट ने खारिज कर दिया था . इसी के खिलाफ अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमिटी ने हाईकोर्ट में याचिका डाली थी. जिसे हाइकोर्ट ने भी खारिज कर दिया है . ऐसे में जाहिर है कि हिंदु पक्ष की याचिका जिसमें श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा की मांग की गई है,उसपर सुनवाई चलती रहेगी.