गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के लिए सुबह 8 बजे से मतदान शुरु हो गया है.मतदान सुबह 8 बजे से शाम पांच बजे तक मतदान होगा.गुजरात विधानसभा के 182 सीटों में से 89 सीटों पर आज मतदान हो जायेगा. मतदान का रिजल्ट 8 दिसंबर को हिमाचल विधानसभा चुनाव के रिजल्ट के साथ ही आयेगा. माना जाता है कि गुजरात में नई सत्ता बहुत कुछ इस क्षेत्र के मतदाताओं के मिजाज पर निर्भर करता है.
दो चरणों में होने वाले चुनाव के पहले चरण में आज सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के 19 जिलों के 89 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा. इसके लिए 25 हजार 430 पोलिंग स्टेशन बनाये गये हैं.जिन सीटों पर गुरुवार को मतदान होने जा रहे हैं उनमें 89 में से 48 पर पिछले चुनाव में बीजेपी ने अपनी जीत का परचम लहराया था.कांग्रेस के खाते में 40 सीटें गई थीं और एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार को जीत मिली थी.
इस बार का गुजरात विधानसभा चुनाव कुछ मायनों में खास है.
आम तौर पर यहां मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही होता आया है लेकिन इस बार मुकाबला बहुकोणीय है. इस बार मैदान में सत्तारुढ़ बीजेपी के साथ साथ कांग्रेस, आम आदमी पार्टी , बहुजन समाजवादी पार्टी(BSP), समाजवादी पार्टी(SP), मार्क्सवादी पार्टी(CPI),भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) सहित 36 दलों ने अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं. बीजेपी और कांग्रेस ने सभी 89 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं.
10 से ज्यादा वीआईपी उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर
89 सीटों पर होने वाले मतदान के बाद कई वीआईपी प्रत्याशियों की किस्मत इवीएम में बंद हो जायेगी.जिन वीआईपी उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर है उनमें
— जामनगर उत्तर से क्रिकेटर रविंद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जाडेजा
— सूरत की अलग-अलग विधानसभा सीटों से राज्य के गृहमंत्री हर्ष सांघवी, बीजेपी एमएलए पुरनेश मोदी, भावनगर (ग्रामीण) से 5 बार के विधायक पुरुषोत्तम सोलंकी हैं.
कांग्रेस के जिन नेतों की किस्मत आज इवाएम में बंद होगी उनमे से खास हैं- ललित कागठरे, ललित वसोया, रुतविक मकवाना, मोहम्मद जावेद पीरजादा और वरिष्ठ आदिवासी नेता छोटू बसावा हैं.
कांग्रेस के लिए अहम हैं 89 में से 54 सीटें
सौराष्ट्र में कांग्रेस ने पिछले चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया था.इस बार भी यहां की कम से कम 54 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदावारों के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है.पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस इलाके में 30 सीटें जीती थीं जबकि 2012 में यहां कांग्रेस को केवल 12 सीटें मिली थी,वहीं बीजेपी ने 2012 के मुकाबले 2017 में अच्छा प्रदर्शन किया था.2012 के 23 सीटों के मुकाबले 2017 में 35 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
दक्षिण गुजरात को बीजेपी का गढ़ माना जाता है,लेकिन इस बार यहां बीजेपी को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी से कड़ी टक्कर मिल रही है.
इस बार गुजरात में चुनाव बहुकोणीय होने के कारण बेहद दिलचस्प है. पहली बार मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी भी कई जगहों पर परंपरागत रुप से बीजेपी की विरोधी मानी जाने वाली कांग्रेस पार्टी से ज्यादा मजबूत है, लेकिन बीजेपी के खिलाफ मैदान में उतरने वाली 36 से ज्यादा पार्टियों के बीच मतदाताओं के वोट बंटेगे.
थोड़ी देर में शुरु होने वाले मतदान से गुजरात में बनने वाली अगली सरकार का रुख तय होगा.