ट्विटर के सह-संस्थापक और पूर्व बॉस जैक डोर्सी ने दोहराया है कि ट्विटर को किसानों के विरोध और सरकार की आलोचना करने वाले खातों को ब्लॉक करने के लिए भारत सरकार से “कई अनुरोध” प्राप्त हुए थे. उन्होंने यह भी कहा है कि ट्वीटर को “बंद” करने और भारत में उसके कर्मचारियों के घरों पर छापे मारने की धमकी दी गई थी.
डोर्सी के आरोपों के जवाब में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने जवाब देते हुए कहा कि ट्विटर “भारत के कानून का बार-बार और लगातार उल्लंघन” कर रहा था और कई बार “गलत सूचनाओं को हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था. ”
मास्क ने भी कहा था कि कर्मचारियों को जेल नहीं भेज सकते
सिर्फ डोर्सी ही नहीं ट्विटर के नए सीईओ एलोन मस्क का भी भारत के सोशल मीडिया नियमों के बारे में समान विचार है, मस्क ने पहले उन्हें “सख्त” बताया था. जबकि इस साल अप्रैल में मस्क ने कहा था कि वह ट्विटर कर्मचारियों को जेल भेजने का जोखिम उठाने के बजाय सरकार के ब्लॉकिंग आदेशों का पालन करेंगे.
जब हमारे किसान अपने हक के लिए दिल्ली की सीमाओं पर बैठे थे। जब वो सर्दी, गर्मी, बरसात झेलते हुए अपने प्राण त्याग रहे थे।
तब दिल्ली में बैठा ‘डरपोक’ तानाशाह उनकी खबर को दबाने में लगा था।
वो ट्विटर को धमकियां भिजवा रहा था कि किसान आंदोलन को दिखाया तो दफ्तर बंद करवा दूंगा, छापे… pic.twitter.com/ZKIPQZNiGT
— Congress (@INCIndia) June 13, 2023
मस्क संभवतः भारत के सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 का जिक्र कर रहे थे, जिसके तहत सोशल मीडिया कंपनियों के एक वरिष्ठ प्रतिनिधि – जिन्हें मुख्य अनुपालन अधिकारी कहा जाता है – को मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए संभावित रूप से जेल हो सकती है.
‘अगर आप आदेशों का पालन नहीं करते हैं तो हम आपको बंद कर देंगे’
ट्वीटर बंद करने की दी गई ती धमकी
ट्वीटर के पूर्व बॉस जैक डोर्सी ने बात सोमवार को एक यूट्यूब चैनल ब्रेकिंग पॉइंट्स को दिए इंटरव्यू में कही. इंटरव्यू में जब डोर्सी से ट्विटर के सीईओ के रूप में विदेशी सरकारों के दबाव के बारे में पूछा गया, तो डोर्सी ने कहा, “भारत एक ऐसा देश है जिसने किसानों के विरोध के दौरान हमसे कई अनुरोध किए हैं, विशेष पत्रकारों को लेकर भी अनुरोध किए गए जो सरकार के आलोचक थे, इसके अलावा डार्सी ने भारत सरकार पर धमकाने का भी आरोप लगाया उन्होंने कहा कि सरकार ने कहा कि अगर हमारी बात नहीं मानी गई तो ‘हम भारत में ट्विटर को बंद कर देंगे’, जो हमारे लिए एक बहुत बड़ा बाजार है. हमें कहा गया कि, ‘हम आपके कर्मचारियों के घरों पर छापा मारेंगे,’ जो उन्होंने किया भी. इसके साथ ही कहा गया कि, ‘यदि आप आदेशों का पालन नहीं करते हैं, तो हम आपके कार्यालयों को बंद कर देंगे.’ इसके साथ ही डार्सी ने भारत पर तंज कसते हुए कहा कि ये तब है जब भारत एक लोकतांत्रिक देश है.
किसान आंदोलन के दौरान 1,200 खातों को हटाने के लिए कहा था-डार्सी
डार्सी ने बताया कि, 2021 में देश में किसानों के विरोध के चरम पर, केंद्र ने ट्विटर से कथित “खालिस्तान” लिंक के लिए लगभग 1,200 खातों को हटाने के लिए कहा था. इससे पहले इसने ट्वीटर से 250 से अधिक खातों को बंद करने के लिए कहा था.
डार्सी ने कहा कि ट्विटर ने कुछ खातों को ब्लॉक भी किया था., लेकिन बाद में उन्हें अनब्लॉक कर दिया गया, जिससे आईटी मंत्रालय नाराज हो गया था. ट्वीटर ने अपने जवाब में ट्वीटर ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हवाला देते हुए अपने प्लेटफॉर्म पर इन खातों को ब्लॉक करने से इनकार कर दिया था. हालाँकि, ये बात सरकार को अच्छी नहीं लगी थी, और उसने जवाब में कहा था कि ट्वीटर “अदालत की भूमिका ग्रहण नहीं कर सकता है और गैर-अनुपालन को सही ठहरा सकता है.”
सत्ताधारी नेताओं के गलत ट्वीट को “मैनिपुलेटेड मीडिया” बताने पर मिला था नोटिस
इसके साथ ही डार्सी ने एक और वाकये का जिक्र करते हुए कहा कि, मई 2021 में ट्वीटर ने, सत्ताधारी पार्टी के नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार को बदनाम करने के लिए कांग्रेस की साजिश का आरोप लगाते हुए किए गए कुछ पोस्टों को “मैनिपुलेटेड मीडिया” बता फ़्लैग करने के कुछ दिनों बाद, केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाली दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक टीम ने ट्वीटर इंडिया के दिल्ली और गुड़गांव कार्यालयों पर दस्तक दी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को नोटिस दिया.
डोर्सी के आरोपों को MoS IT राजीव चंद्रशेखर ने ‘साफ झूठ’ करार दिया
वहीं ट्वीटर के पूर्व बॉस के आरोपों के जवाब में MoS IT राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि, ट्विटर से कोई भी जेल नहीं गया और न ही प्लेटफॉर्म को “शटडाउन” किया गया, बावजूद इसके कि वे “2020 से 2022 तक बार-बार कानून का पालन नहीं कर रहे थे और यह जून 2022 में ही आखिरकार उन्होंने इसका पालन किया.”
#WATCH ट्विटर एक ऐसी कंपनी है जिसका मानना है कि भारतीय कानून का पालन करना उनके लिए आवश्यक नहीं है। उनका मानना था कि उन्हें भारतीय कानून का पालन नहीं करना है और जैसे-जैसे वह आगे बढ़ती गई उन्होंने अपने नियम बनाए। भारत सरकार शुरू से ही भारत में काम करने वाली सभी कंपनियों के लिए बहुत… https://t.co/J2cJkVbOor pic.twitter.com/DI0VHDOTqb
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 13, 2023
चंद्रशेखर ने कहा कि, “डोर्सी के ट्विटर शासन को भारतीय कानून की संप्रभुता को स्वीकार करने में समस्या थी. इसने ऐसा व्यवहार किया जैसे कि भारत के कानून इस पर लागू नहीं होते हैं.” मंत्री ने कहा, “एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में भारत को यह सुनिश्चित करने का अधिकार है कि भारत में काम करने वाली सभी कंपनियां उसके कानूनों का पालन करें.”
चंद्रशेखर ने कहा कि 2021 में किसानों के विरोध के दौरान निष्कासन आदेश जारी करने के लिए केंद्र “बाध्य” था क्योंकि “बहुत सारी गलत सूचनाएँ और नरसंहार की रिपोर्टें थीं जो निश्चित रूप से नकली थीं”.
उन्होंने कहा, “जैक के शासन के तहत ट्विटर पर पक्षपातपूर्ण व्यवहार का स्तर इतना था कि उन्हें भारत में मंच से गलत सूचना को हटाने में समस्या हुई, जबकि उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में इसी तरह की घटनाओं को स्वयं हटाया था. ”
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