Ban Halal Certified Products: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने उत्तर प्रदेश की तरह बिहार में भी खाद्य उत्पादों पर हलाल सर्टिफिकेट पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे एक पत्र में, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री ने हलाल प्रमाणीकरण और आतंकवादी गतिविधियों में कथित संबंधों को लेकर चिंता जताई.
![BJP MP Giriraj Singh's letter to Bihar CM Nitish Kumar against Halal certification](https://thebharatnow.in/wp-content/uploads/2023/11/halal-207x300.jpg)
गिरिराज सिंह ने एक वीडियो भी किया ट्वीट
मंत्री ने जोर देकर कहा कि इस तरह का प्रमाणीकरण, जिसका इस्लामी मानकों से कोई संबंध नहीं है, धर्म से असंबंधित उत्पादों का इस्लामीकरण करने का एक प्रयास है. उन्होंने संस्थानों पर हलाल प्रमाणपत्र जारी करने में स्व-घोषित प्राधिकारी बनने का आरोप लगाया. उन्होंने अपने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक वीडियो भी जारी किया है. जिसमें उन्होंने कांग्रेस पर इसको बढ़ावा देना का आरोप लगाया और कहा कि ये सनातन धर्म को खत्म करने की साजिश का हिस्सा है.
हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर भारतीय बाजार का इस्लामीकरण किया जा रहा है। pic.twitter.com/tDVOjX4aZk
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) November 23, 2023
मंत्री ने कहा, “मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि बिहार जैसे बड़े राज्य में भी हलाल उत्पादों के नाम पर जिस तरह का जिहाद चल रहा है, उस पर प्रतिबंध लगाकर ऐसे विभाजनकारी और षड्यंत्रकारी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.”
यूपी ने पिछले हफ्ते लगाया है ‘हलाल-प्रमाणित’ पर बैन
उत्तर प्रदेश ने हाल ही में निर्यात के लिए निर्मित उत्पादों को छूट देते हुए डेयरी, परिधान और दवाओं सहित कुछ हलाल-प्रमाणित उत्पादों के वितरण और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है.
राज्य सरकार की एक अधिसूचना में शनिवार को कहा गया कि बेकरी उत्पाद, चीनी, खाद्य तेल और अन्य उत्पाद जिन्हें बनाने वाली कंपनियों द्वारा ‘हलाल-प्रमाणित’ के रूप में लेबल किया गया था, उनके वितरण और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा.
अधिसूचना में कहा गया है, “खाद्य उत्पादों का हलाल प्रमाणीकरण एक समानांतर प्रणाली है जो खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता के बारे में भ्रम पैदा करती है.”
अधिसूचना में कहा गया है कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) देश का शीर्ष निकाय है जो देश में बेचे जाने वाले अधिकांश खाद्य उत्पादों के लिए मानकों का निर्धारण करता है और यह निर्धारित करता है कि खाद्य उत्पादों को किन मानकों को पूरा करना चाहिए.
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