Gayatri Prajapati : उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति को हाईकोर्ट से झटका लगा है. हाई कोर्ट ने रे’प के मामले में गिरफ्तार पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की जमानत याचिका खारिज कर दी है. इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में आज प्रजापति की जमानत पर सुनवाई हुई जिसमें कोर्ट ने दुराचार के इस आरोपी पूर्व मंत्री को फिलहाल जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया है.
Gayatri Prajapati की क्यों खारिज हुई अपील
गायत्री प्रजापति ने हाईकोर्ट में अपने उपर लगे रे’प के आरोप के खिलाफ अपील की है. कोर्ट ने अपील के विचाराधीन होने के कारण आरोपी को जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया है बता दें कि गायत्री प्रजापति 2021 से जोल में हैं और ब’लात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं.
गायत्री प्रजापति पर लगे हैं संगीन आरोप
गायत्री प्रजापति पर सरकार समाजवादी सरकार में मंत्री रहते हुए चित्रकूट की एक महिला ने आरोप लगाया थ कि प्रजापति ने उसके साथ रेप किया था. महिला का आरोप था कि दुराचार के दौरान उसकी तस्वीरें भी ली गई और बाद में उन तस्वीरों की आड़ में उसके साथ 2 साल तक मंत्री ने दुराचार जारी रहा. महिला का आरोप था कि उसे पार्टी में महत्वपूर्ण पद दिलाने का झूठा वादा करके उसके साथ घोखा किया गया.
सुप्रीम कोर्ट में महिला को करनी पड़ी थी अपील
पीडिता ने यूपी पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया. इसके बाद पीडित महिला ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद फरवरी 2017 में गायत्री प्रजापति फरार हो गया. बाद में पुलिस ने उसे 15 मार्च 2017 को लखनऊ से गिरफ्तार किया . 12 नवंबर 2021 को लखनऊ की एमपी एमएलए कोर्ट ने प्रजापति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
गायत्री प्रजापति पर भ्रष्टाचार के भी कई मामले दर्ज हैं. 2016 में इलाहाबाद हाई कोर्ट में गायत्री प्रजापति के खनन मंत्री रहते हुए अपनी शामली, हमीरपुर, फतेहपुर, सिद्धार्थनगर, देवरिया, कौशाम्बी और सहारनपुर में अवैध खनन को इजाजत देने का आरोप भी लगा है .