Friday, December 13, 2024

Gaya Lok sabha seat: 2014 और 19 की हार के बाद क्या चमकेगी जीतन राम मांझी की किस्मत? आरजेडी के रिकोर्ड बनाने वाले विधायक कुमार सर्वजीत से है मुकाबला

गया (अभिषेक झा-ब्यूरो चीफ), 2024 लोक सभा का चुनाव गया Gaya Lok sabha seat सीट पर दिलचस्प होने वाला है. इस बार यहां एनडीए के उम्मीदवार हम पार्टी के सुप्रीमों जीतन राम मांझी का मुकाबला आरजेडी या कहें इंडिया गठबंधन के कुमार सर्वजीत से होने वाला है. मांझी इस सीट से पिछले दो चुनाव हार चुकें है. 2019 में वो जेडीयू के विजय कुमार मांझी से 152426 वोटे से हारे थे तो उससे पहले 2014 में यहां तीसरे नंबर पर रहे थे. वो भी तब जब उस बार वो जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़े हैं. 2014 में गया सीट पर बीजेपी के हरी मांझी ने जीत दर्ज की थी जबकि दूसरे नंबर पर आरजेडी के रामजी मांझी रहे थे.

जीतन राम मांझी बनाम कुमार सर्वजीत

तो आपको बता दें गया की सीट एक सुरक्षित सीट है. यहां जीतन राम मांझी के सामने आरजेडी ने जिसे उतारा है वो बोधगया से विधायक और पिछली महागठबंधन सरकार में कृषि मंत्री रह चुकें है. कुमार सर्वजीत बड़े दलित नेता और लोकसभा सांसद स्वर्गीय राजेश कुमार के पुत्र हैं. वहराष्ट्रीय जनता दल से नेता होने के साथ-साथ एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं.

कुमार सर्वजीत ने बोधगया विधानसभा क्षेत्र से दो बार चुनाव जीत 63 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा है. वह जीतन राम मांझी की तरह ही पिछड़े समाज से आते है. वह दलित समुदाय के नाम पासवान से संबंधित हैं जिन्हें आमतौर पर दुसाध एक पिछड़ी जाति के रूप में जाना जाता है. इस बार वो अपने पिता राजेश कुमार के लोकसभा क्षेत्र गया से अपनी किस्मत आज़माने जा रहे है.
वहीं अगर गया के मौजूदा सांसद की बात करें तो जेडीयू के नेता विजय कुमार मांझी भी अति पिछड़े समाज से है. उनकी माताजी भगवती देवी जो पत्थर तोड़ने वाली मज़दूर महिला थीं, इस सीट यानी गया से 1996 में सांसद भी बनीं थी. लेकिन इस बार एनडीए गठबंधन के चलते ये सीट जीतन राम मांझी की हम पार्टी के पास चली गई है.
जीतन राम मांझी 28 मार्च को गया सीट से नामांकन दाखिल करेंगे.

Gaya Lok sabha seat क्यों है बेहद खास

गया बोद्ध धर्म का सबसे बड़े तीर्थों में से एक है. बिहार के इस (गया) लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का एक अलग ही महत्व है. 4,976 वर्ग क्षेत्रफल में फैला ये लोकसभा क्षेत्र कई धार्मिक स्थल और पर्यटक स्थलों के लिए जाना जाता है. यहां महाबोधि मंदिर के अलावा विष्णुपद मंदिर भी आता है पितृपक्ष मेले में देश विदेश से लाखों लोग अपने पितरों की शांति के लिए पिंडदान करने आते है.
गया लोकसभा सीट महादलित बहुमूल्य सीट है. यहां कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 30,00000 (तीस ) लाख है. वैसे महादलितों के बाद इस लोकसभा क्षेत्र में चंद्रवंशी , राजपूत , कायस्थय , भूमिहार , कोयरी , कुरमी ,यादव सहित कई दूसरी जाती के भी लोग शामिल है. गया संसदीय क्षेत्र में कुल 6 विधानसभा आती है जिसमें से दो बाराचट्टी और बोधगया आरक्षित सीटें हैं. जबकि शेरघाटी, गया टाउन, बेलागंज और वजीरगंज सामान्य सीट है.

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