Friday, November 22, 2024

Uttarakhand tunnel collapse: बचाव अभियान में मिली बड़ी ‘सफलता’, छह इंच का पाइप लगाया गया ; DRDO ने भेजे रोबोट

उत्तरकाशी जिले में आंशिक रूप से ध्वस्त सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए मलबे में छह इंच का पाइप लगाया है. यह पाइप अधिकारियों को फंसे हुए श्रमिकों को ठोस खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने और बेहतर संचार सुनिश्चित करने में मदद करेगा. एनएचआईडीसीएल के निदेशक, अंशू मनीष खलखो ने मीडिया को बताया कि बचावकर्मियों नए स्थापित पाइप के माध्यम से श्रमिकों के बात कर पाए. उन्होंने कहा, “हमने अपनी पहली सफलता हासिल कर ली है, जिसके लिए हम पिछले नौ दिनों से प्रयास कर रहे थे और यह हमारी पहली प्राथमिकता थी. 6 इंच का पाइप लगाया गया है और वे (फंसे हुए श्रमिक) इसके माध्यम से हमें सुन सकते हैं. अब हम उन्हें उस पाइप के माध्यम से भोजन और चिकित्सा आपूर्ति के साथ,” उन्होंने कहा.

आगे के बचाव कार्य के लिए DRDO ने भेजा दक्ष

41 मजदूरों को बचाने के लिए अभियान सोमवार को भी जारी रहा. आंशिक रूप से ध्वस्त सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए अब रक्षा अनुसंधान विकास संगठन की रोबोटिक्स टीम ने रिमोटली संचालित वाहन (आरओवी) दक्ष को को भेजा है. उपकरण विशेष रूप से मोटर चालित पैन-टिल्ट प्लेटफॉर्म पर उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो जोखिम भरे इलाके तक पहुंचने में मदद कर सकता है.

रोबोट के लिए बनाई जा रही है सड़क

NHIDCL के निदेशक अंशू मनीष खलखो ने रोबोट के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि, “DRDO ने 20 किलो और 50 किलो वजन के 2 रोबोट भेजे हैं. ये रोबोट धरती पर चलकर आगे जाते हैं लेकिन वहां की ज़मीन रेत की तरह है. मुझे आशंका है कि रोबोट वहां चल पाएंगे या नहीं. फिर भी हम कोशिश करेंगे…ड्रीलिंग के लिए सारी मशीन आ रही हैं, एक-दो दिन में यहां पहुंच जाएंगी… BRO सड़क बना रही है. मशीनें बहुत भारी हैं, उन्हें हवाई मार्ग से नहीं लाया जा सकता, उन्हें सड़क के रास्ते लाना पड़ेगा…”

कल सुबह तक रोड बनाने का काम पूरा होगा

वहीं उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान पर DM अभिषेक रूहेला ने बताया, “…BRO के द्वारा अप्रोच रोड बनाने का काम किया जा रहा है जो आज देर रात या कल सुबह तक इसके पूरा होने की उम्मीद कर रहे हैं.”

12 नवंबर को हुए हादसे को हफ्ते से ज्यादा हो गया है. लेकिन प्रशासन का कोई भी प्लान सफल होता नहीं दिख रहा है. पहले सुरंग में पाइप डालकर रास्ता बनाने की बात हो रही थी. लेकिन उसमें कई रुकावटें आने के बाद DRDO के दक्ष की मदद लेना की बात हो रही है. वैसे तो सुरंग में पानी के पाइप से ऑक्सीजन, खाना पानी सभी भेजा जा रहा है लेकिन जैसे-जैसे दिन गुज़र रहे है अंदर फंसे मज़दूरों के साथी और परिवारों की चिंता बढ़ती जा रही है.

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