Farmers Protest : दिल्ली की सीमाओं पर सोमवार को छावनी का तरह का नजारा दिखा. संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के दिल्ली मार्च के ऐलान के बाद उत्तर प्रदेश में दिल्ली से लगने वाली सीमा पर 5 हजार से अधिक जवान तैनात किये गये ताकि कोई किसान दिल्ली की सीमा में प्रवेश ना कर जाये.
#WATCH | Protesting #farmers climb over police barricades at Dalit Prerna Sthal in #Noida as they march towards #Delhi.
(📽️: ANI) pic.twitter.com/ubeOzqWO4D
— Hindustan Times (@htTweets) December 2, 2024
Farmers Protest के कारण बॉर्डर पर लगा कई किमी लंबा जाम
अन्य राज्यों से लगी दिल्ली की हर सीम पर वाहनों की कड़ी चेकिंग के कारण गाडियों की लंबी कतारें नजर आई और जाम का नजारा दिखा. आखिरकार शाम चार बजे के करीब किसानो और प्रशासन में बात हुई और बताया गया कि प्रशासन ने किसानों से 7 दिन का समय मांगा है कि ताकि उनकी मांगो पर विचार किया जा सके. सरकार के इस प्रस्ताव के बाद किसानों ने अपने आंदोलन और दिल्ली मार्च को अगले सात दिन के लिए विराम दे दिया है लेकिन अगले सात दिन नोयडा में शहीद पार्क में बैठकर सरकार के फैसले का इंतजार करेंगे. किसान मोर्चा की तरफ से कह गया है कि अगर 7 दिन मे किसानों की मांगों को नहीं माना गया तो फिर किसान दिल्ली कूच करेंगे. फिलहाल किसानों ने सड़क खाली कर दिया है स और वाहनों की आवाजाही शाम 4 बजे के बाद से शुरु हो गई.
#WATCH | Noida, UP: Traffic movement resumes as police remove barricades near Dalit Prerna Sthal in Noida.
Farmers under different farmer organisations were protesting over various demands near Dalit Prerna Sthal in Noida and they were not allowed to enter Delhi. pic.twitter.com/C1Y7V9RJ6O
— ANI (@ANI) December 2, 2024
किसानों का क्या है मांगे
किसानों की मांग है कि किसानों के हित के लिए बनाये गये नये कृषि कानूनों के प्रावधानों को सरकार लागू करे. उन्हें मुआवजा और भूमि का आवंटन किया जाये. सरकार उन्हें पुराने अधिग्रहण कानून के तहत 10 फीसदी प्लॉट और मुआवजे में 64.7 फीसदी की बढ़ोतरी करे.
इसके आलावा किसानों की मांग है कि 1 जनवरी 2014 के बाद से जिस भी भूमि का सरकार ने ये किसी एजेंसी ने अधिग्रहण किया है, उसके बदले उन्हें चार गुना बाजार मूल्य और जो जमीन अधिग्रहित का गई है, उसका 20 फीसदी हिस्सा दिया जाए.
किसानों की मांगों में MSP की गारंटी के साथ साथ कर्ज मांफी, पेंशन और पिछले किसान आंदोलन के समय किसानों के खिलाफ जो केस किया गये थे उन्हें वापस लेना शामिल है . साथ ही साथ किसानो की मांग है कि 2021 में किसानों के खिलाफ लखीमपुर खीरी में जो हिंसा हुई थी, उसके पीड़ितों को न्याय दिया जाये.