दिल्ली : एक बार फिर से किसान सड़क पर है. दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक में किसानों ने आंदोलन (Kisan Andolan) की राह पकड़ी है. दिल्ली में सोमवार को पंजाब के 5 किसान संगठनों के सदस्य अपनी मांगों को लेकर संसद मार्ग पर जमा हुए. ये किसान अपनी मांगों को लेकर पीएम कार्यालय में ज्ञापन देंने के साथ ही जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे है. किसानों की संख्या को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने दिल्ली में गुरुद्वारा बंगलासाहिब के पास बड़ी संख्या में रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) के जवान तैनात कर दिये हैं.
20 मार्च को दिल्ली में फिर प्रदर्शन करेंगे किसान
भारतीय किसान यूनियन (BKU) राजेवाल, ऑल इंडिया किसान फेडरेशन, किसान संघर्ष कमेटी पंजाब, बीकेयू मनसा और आजाद किसान संघर्ष कमेटी से जुड़े किसान अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन (Kisan Andolan) कर रहे है. बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादों को भूलने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि 20 मार्च को बड़ी संख्या में किसान दिल्ली में इकट्ठा होकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.
सरकार ने रद्द किए थे तीन कृषि कानून
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानून के खिलाफ 26 नवंबर 2020 को किसानों का आंदोलन (Kisan Andolan) शुरू हुआ था और लगभग एक साल तक दिल्ली बॉर्डर पर चलता रहा था. इस आंदोलन को देखते हुए केंद्र ने तीनों कानूनों को रद्द कर दिया गया था.
नासिक-मुंबई के बीच किसानों का ‘लॉन्ग मार्च’
वहीं महाराष्ट्र के किसानों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से नाराज़ है. उनका कहना है कि संकटग्रस्त प्याज की खेती करने वालों के लिए 300 रुपये प्रति क्विंंटल सब्सिडी देने की घोषणा किसी खैरात के जैसी है. सोमवार दोपहर से हज़ारों किसानों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर नासिक से मुंबई तक पैदल मार्च शुरू किया.
अखिल भारतीय किसान सभा के नेता और सात बार के पूर्व सीपीआई (एम) विधायक जीवा पांडु गावित ने बताया कि विभिन्न किसान समूहों के साथ चर्चा के बाद, यह तय किया गया है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का प्रस्ताव स्वीकार्य नहीं है और ‘लॉन्ग मार्च’ निर्धारित समय के अनुसार जारी रहेगा.
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