Friday, July 11, 2025

हरियाली अमावस्या कब है? गुरु पुष्य योग समेत बनेंगे 3 शुभ योग, जानें तारीख, मुहूर्त, महत्व

- Advertisement -

हरियाली अमावस्या का पावन पर्व सावन माह के कृष्ण पक्ष की आमवस्या को होता है. हरियाली अमावस्या को सावन अमावस्या और श्रावण अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. हरियाली अमावस्या के दिन पौधे लगाना पुण्य फलदायी होता है. इस साल हरियाली अमावस्या के दिन गुरु पुष्य योग समेत 3 शुभ योग बनने वाले हैं. गुरु पुष्य योग को निर्माण और कीमती वस्तुओं की खरीदारी के लिए उत्तम माना जाता है. उज्जैन के महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि हरियाली अमावस्या कब है? हरियाली अमावस्या का मुहूर्त, शुभ योग और महत्व क्या है?

2025 की हरियाली अमावस्या कब है?
दृक पंचांग के अनुसार, हरियाली अमावस्या के लिए जरूरी सावन कृष्ण अमावस्या तिथि की शुरूआत 24 जुलाई दिन गुरुवार को तड़के 2 बजकर 28 मिनट पर होगी. यह तिथि 25 जुलाई शुक्रवार को 12 बजकर 40 एएम पर खत्म होगी. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर हरियाली अमावस्या 24 जुलाई को है.

3 शुभ योग में है हरियाली अमावस्या
24 जुलाई को हरियाली अमावस्या के दिन 3 शुभ योगों का निर्माण होने वाला है. हरियाली अमावस्या पर गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बनेंगे. उस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन रहेगा. इस योग में किए गए कार्य सफल होंगे.
हरियाली अमावस्या पर गुरु पुष्य योग शाम को 4 बजकर 43 मिनट से लगेगा और अगले दिन 25 जुलाई को सुबह 5 बजकर 39 मिनट तक रहेगा. जिस गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र होता है, उस दिन गुरु पुष्य योग बनता है. गुरु पुष्य योग में सोना, चांदी, आभूषण, वाहन, मकान आदि की खरीदारी शुभ मानी जाती है. गुरु पुष्य योग में ये कार्य करने से उन्नति लंबे समय तक रहती है.हरियाली अमावस्या के दिन अमृत सिद्धि योग भी शाम 04:43 पी एम से लेकर 25 जुलाई को सुबह 05:39 ए एम तक है. इनके अलावा हर्षण योग प्रात:काल से लेकर सुबह 9 बजकर 51 मिनट तक है. उसके बाद से वज्र योग है. सावन अमावस्या पर पुनर्वसु नक्षत्र प्रात:काल से लेकर शाम 04:43 पी एम तक है, उसके बाद से पुष्य नक्षत्र है.

हरियाली अमावस्या के शुभ मुहूर्त
हरियाली अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त 04:15 ए एम से 04:57 ए एम तक है. उस दिन का शुभ समय यानि अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:00 पी एम से दोपहर 12:55 पी एम तक है. विजय मुहूर्त दोपहर 02:44 पी एम से 03:39 पी एम तक और अमृत काल दोपहर 02:26 पी एम से 03:58 पी एम तक है.

सावन अमावस्या को हरियाली अमावस्या क्यों कहते हैं?
सावन माह में बारिश होने की वजह से पूरी धरती हरी-भरी दिखाई देती है. बारिश के कारण पेड़ और पौधों का विकास तेजी से होता है. यह समय पौधे लगाने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. इस समय में पौधों के सही से लगने की संभावना सबसे अधिक होती है. इस वजह से हरियाली अमावस्या पर लोग पौध रोपण करते हैं. इस अमावस्या पर हरियाली होने की वजह से इसे हरियाली अमावस्या कहा जाता है.

हरियाली अमावस्या का महत्व
हरियाली अमावस्या के दिन आप फलदार पौधों को लगाएं. हरियाली अमावस्या पर आम, कटहल, बेल, आंवला के पौधे लगा सकते हैं. इनके अलावा आप देव वृक्ष की श्रेणी में आने वाले पीपल, बरगद, नीम आदि के पौधे में लगाएं. इससे आपके ग्रह दोष मिटेंगे. जीवन में सुख और शांति आएगी.

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news