अयोध्या : राम जन्मभूमि में प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी Ayodhya PM Modi ने वहां मौजूद लोगों के साथ साथ देश को संबोधित भी किया. पीएम मोदी ने कहा कि भारत और भारतीयो के लिए श्रीराम के रुप मे आज भारतीय संस्कृति की एक बार फिर से प्राण प्रतिष्ठा हुई है. आज पूरे विश्व को श्री राम के आदर्शों और मूल्यों की आवश्यकता है. भारत का श्री राम मंदिर केवल एक मंदिर नहीं बल्कि भारत के दर्शन और दिग्दर्शन का मंदिर है. Ayodhya PM Modi ने कहैा कि राम के रुप में राष्ट्र चेतना का मंदिर, राम भारत के रुप में आस्था की पराकाष्ठा हैं, राम भारत चेतना है….
अयोध्या धाम में आज राम लला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं। इस पुनीत अवसर पर सभी देशवासियों से मेरा आग्रह है कि रामज्योति प्रज्वलित कर अपने घरों में भी उनका स्वागत करें। जय सियाराम! #RamJyoti pic.twitter.com/jllwCKNaym
— Narendra Modi (@narendramodi) January 22, 2024
राम प्रभाव है, राम नेति है, नीति भी है- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि राम प्रवाह है, राम प्रभाव है, राम नेति है, नीति भी है. राम विभु है विषद भी हैं, व्यापक है विश्व है विश्वात्म हैं. पीएम मोदी ने कहा कि इसलिए जब राम की प्रतिष्ठा होती है तो उसका प्रभाव वर्षों तक नहीं,शताब्दियों तक नहीं, शहश्राब्दियों तक होता है. जब त्रेता युग में श्री राम आये तो रामराज्य की स्थापना हुई, आज फिर से श्री राम की स्थापना हुई है.
यही तो है देव से देश और राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार… pic.twitter.com/tOCm0qFxjL
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श्री राम का भव्य मंदिर तो बन गया, अब आगे क्या- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने श्री राम मंदिर में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए पुछा कि आज इस अवसर पर जो दैवीय आत्माएं यहां आशीर्वाद देने आई है, उस मौके पर मैं पूरे पवित्र मन से आपसे ये वादा कर रहा हूं .ये सुखद संयोग है,कि हम लोग इस पीढी में जन्म लिये हैं. ये पीढी को ईश्वर ने अगले हजार वर्षों के लिए चुना है. यही समय है और सही समय है.
राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अब यह समय समर्थ-सक्षम और भव्य-दिव्य भारत के निर्माण के लिए संकल्प लेने का है। pic.twitter.com/j4fJWWonJH
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ये पीढ़ी खुशनसीब है कि उन्हें इस युग में जन्म मिला है
पीएम मोदी ने आज श्री राम के मंदर में जो उद्बबोधन किया उसने ना केवल पहां मौजूद बल्कि सुनने वे हर एक शख्स को रोमांचित और गौरवान्वित किया. पीएम मोदी ने कहा कि हमने जिस पवित्र युग में जन्म लिया उसमें हमें अगले एक हजार साल के लिए नींव रखनी है. यहां से इसी पल से हर नागरिक, हर भारतवासी को नवये भारत का संकल्प के निर्माण का संकल्प लेना है. राम के विचार जनमानस में भी होनी चाहिये. यही आज के युग की मांग है कि हमारी पीढी अपनी चेतना को विस्तार दे और समाजके भले के लिए काम करे.
पीएम मोदी ने हनुमान और जटायु ,शबरी और निषाद को याद किया
पीएम मोदी ने इस मौके पर भगवान श्री हनुमान को उनकी सेवा , सर्मपण का भाव सीखने की बात कही. पीएम मोदी ने आदिवासी मां शबरी के प्रेम और आदिवासी राजा निषाद का भगवान श्री राम के लिए प्रेम के जिक्र किया. उन्होने कहा कि निषादराज का श्री राम के प्रति समर्पण का भाव देव से देश और राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार है.
आज हमारे राम आ गए हैं! pic.twitter.com/LqKe85lL9v
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निराशा और निराशावादियों के लिए देश में स्थान नहीं
पीएम मोदी ने कहा कि बहुत से लोग है जो हर समय निराशकी बात करते हैं. जबकि ये समय ऐसा है जिसमें निराशीवादियो को लिए रत्ती भर भी जगह नहीं है. किसी को अपने आप को छोटा नहीं समझना चाहिये . जो लोग खुद को छोटा समझ कर निराश होते हैं उन्हें गिलहरी से सीखना चाहिये.उन्होंने कहा कि हमें जटायू की कर्तव्य भावना से सीखना चाहिये.
आज जब भारतवर्ष परंपरा की पवित्रता और आधुनिकता की अनंतता के पथ पर चल रहा है, ऐसे में हमारी युवा शक्ति से मेरा एक आग्रह… pic.twitter.com/mCPgbY8NZN
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जटाऊ की कर्तव्य भावना को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जटायू के पता था कि लंकापति रावण प्रकांड ज्ञानी थे, लेकिन जटायूजी की निष्ठा देखिये कि वो महाबली रावण से भिड़ गया. कर्त्वय की यही पराकाष्ठा तो राम से राष्ट्र भवान का विस्तार है. हम सब को संकल्प लेना है कि हम अपने जीनव का पल पल राम समर्पण और राष्टर के समपर्ण से जोड़ देना चाहिये.
पूजा अहम से उठकर कर वयं के लिए होना चाहिए
हमें प्रभु राम की पूजा त्याग और तपस्या से करनी होगी.ये भारत के विकास का अमृतकाल है.भारत आज उर्जा से भरा है. हमेँ अब चूकना नहीं, बैठना नहीं है. आपके सामने हजारों वर्षों की प्रेरणा है. हमे अपनी विरासत पर गर्व करते हुए भारत का नव प्रभात लिखना है.भारत समृद्धि के लक्ष्य तक पहुंचेगा.ये भव्य़ राम मंदिर भारत के उदय के विकसित भारत का उदाहरण बनेगा.ये मंदिर, ये भारत का समय है. ये भारत को आगे बढ़ाने वाला समय है. शताब्दियों की प्रतीक्षा के बाद ये क्षण आया है. हम रुकैंगे नहीं , झुकैंगे. सियावर राम चंद्र की जयकार के साथ पीएम ने अपना भाषण समाप्त किया