दिवाली का समय सिर्फ सफाई और सजावट का नहीं होता, बल्कि ये अपने घर की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने और नकारात्मकता को दूर करने का सही मौका होता है. इस दौरान लोग अपने घर के हर कोने को चमकाते हैं, नई चीजें खरीदते हैं और वास्तु के अनुसार घर की साज-सज्जा करते हैं. इन्हीं चीजों में एक है शीशा यानी दर्पण. बहुत से लोग शीशा तो लगाते हैं, लेकिन यह नहीं जानते कि इसे किस दिशा में लगाना शुभ होता है और किस दिशा में लगाना अशुभ. वास्तु शास्त्र के अनुसार, शीशा सही जगह लगाने से घर में खुशहाली आती है, लेकिन गलत दिशा में लगा शीशा घर में कलह, तनाव और आर्थिक नुकसान का कारण बन सकता है.
उत्तर या पूर्व दिशा में शीशा लगाना सबसे शुभ माना गया है
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में शीशा लगाने के लिए उत्तर (North) और पूर्व (East) दिशा सबसे शुभ मानी जाती है. इन दिशाओं से सूर्य की रोशनी और प्राकृतिक ऊर्जा घर में प्रवेश करती है, जिससे पूरे घर में पॉजिटिव वाइब्स फैलती हैं। अगर आप ड्राइंग रूम या डाइनिंग एरिया में शीशा लगाते हैं, तो उसे ऐसी जगह लगाएं कि सुबह की रोशनी उसमें प्रतिबिंबित हो सके. इससे न केवल घर उज्जवल लगता है बल्कि ऊर्जा का संतुलन भी बना रहता है.
दक्षिण और पश्चिम दिशा में शीशा लगाने से बचें- कई लोग सजावट के लिए दक्षिण (South) या पश्चिम (West) दिशा में शीशा लगा देते हैं, लेकिन यह वास्तु के अनुसार ठीक नहीं माना जाता. दक्षिण दिशा अग्नि का स्थान होती है और इसमें शीशा लगाना ऊर्जा के प्रवाह को बाधित करता है. इससे घर में अनबन, मानसिक तनाव और पैसों से जुड़ी दिक्कतें पैदा हो सकती हैं. वहीं पश्चिम दिशा में शीशा लगाने से सूर्यास्त की नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव घर में बढ़ जाता है. इसलिए कोशिश करें कि इन दोनों दिशाओं में शीशा न लगाएं.
बेडरूम में शीशा लगाते समय रखें ये सावधानियां
अगर आप बेडरूम में शीशा लगाना चाहते हैं, तो यह ध्यान रखें कि उसमें सोते हुए व्यक्ति की परछाईं नहीं दिखनी चाहिए. वास्तु के अनुसार, अगर सोते समय व्यक्ति की छवि शीशे में दिखती है, तो यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है. इससे अनिद्रा, थकान और दांपत्य जीवन में तनाव जैसी समस्याएं हो सकती हैं. अगर बेडरूम में ड्रेसिंग टेबल है, तो उसका दर्पण ऐसी दिशा में लगाएं कि वह सीधे बिस्तर की ओर न हो.
मुख्य द्वार के सामने शीशा लगाना अशुभ होता है
मुख्य दरवाजे के ठीक सामने शीशा लगाना वास्तु दोष माना जाता है. इससे घर में आने वाली सकारात्मक ऊर्जा वापस बाहर चली जाती है. इस कारण घर के सदस्यों में असहमति, झगड़े और आर्थिक परेशानी जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं. हालांकि, मुख्य दरवाजे के बगल में शीशा लगाना शुभ होता है, क्योंकि यह घर में आने वाली रोशनी और ऊर्जा को दोगुना कर देता है. वास्तु के अनुसार, टूटा हुआ या धुंधला शीशा घर में अशुभता लाता है. इससे न केवल नकारात्मक ऊर्जा फैलती है, बल्कि परिवार में मानसिक बेचैनी और कलह भी बढ़ सकती है. इसलिए दिवाली की सफाई के दौरान अगर घर में कहीं पुराना या टूटा शीशा है, तो उसे तुरंत हटा दें और नया शीशा लगाएं.