चीन और उसके राष्ट्रपति जिनपिंग को लेकर अफवाहों का बाज़ार गर्म है. तरह- तरह की ख़बरों और जानकारियों से ऐसा माहौल बन गया है कि लग रहा है कि चीन में सत्ता पलट हो जाएगा. सोशल मीडिया पर ऐसे ट्वीट्स की बाढ़ आ गई है जो दावा कर रहे हैं कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को उनके ही घर में कैद कर दिया गया है.
इंटरनेट चीन में ‘कुछ तो हुआ है’ कहने वाली खबरों से भर गया. ट्वीट के जरिये दावे किए जाने लगे कि शी जिनपिंग के तख्तापलट के लिए पश्चिमी चीन से सेना बीजिंग की ओर बढ़ रही है.
लोग अपने दावों को सही साबित करने के लिए सबूत के तौर पर चीन के कुछ हिस्सों में उड़ानें रद्द होने जैसी जानकारियां भी साझा कर रहे थे. दावा करने वाले बता रहे थे कि राष्ट्रपति शी को कुछ समय से सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है. सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो भी शेयर किये जा रहे हैं जिसमें चीनी सेना मार्च कर रही है.इन तस्वीरों के जरिये बताया जा रहा है कि ये सैन्य वाहन राजधानी बीजिंग की ओर बढ़ने का वीडियो फुटेज है.
मज़ेदार बात ये है कि इन अफवाहों का ये जाल सबसे ज्यादा भारत में फैला है और इस चक्कर में बड़े बड़े लोग भी आ रहे हैं. बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा “नई अफवाह की जांच की जाए: क्या शी जिंगपिंग बीजिंग में नजरबंद हैं?”
New rumour to be checked out: Is Xi jingping under house arrest in Beijing ? When Xi was in Samarkand recently, the leaders of the Chinese Communist Party were supposed to have removed Xi from the Party’s in-charge of Army. Then House arrest followed. So goes the rumour.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) September 24, 2022
हालांकि इन अनुमानों पर न तो कोई आधिकारिक टिप्पणी आई है, न ही चीन की राजधानी में तख्ता पलट को लेकर आंदोलन और सैन्य हरकत की कोई पुष्टि हुई है.
क्या है शी जिनपिंग के तख्तापलट को लेकर दावे?
सोशल मीडिया पर फैली इस खबर ने कई लोगों का ध्यान इसलिए भी अपनी तरफ खींचा क्योंकि कई हजारों फॉलोअर्स वाले ट्विटर अकाउंट पर भी शी के खिलाफ तख्तापलट की खबरों को साझा किया गया. इतना ही नहीं कुछ ने तो शी के एक उत्तराधिकारी की तस्वीरें भी पोस्ट कर दी . हालांकि जो ट्वीट किए गए वो किसी सत्यापित या विश्वसनीय (वेरिफाइड) खातों से नहीं किए गए थे. ट्वीट ज्यादातर बिना नाम वाले यूजर अकाउंट से किए गए हैं.
कथित सैन्य तख्तापलट को लेकर टवीट्स में कुछ वीडियो भी हैं.
गॉर्डन जी चांग नाम के यूज़र ने ट्वीट शेयर करते हुए लिखा कि “बीजिंग जाने वाले सैन्य वाहनों का यह वीडियो देश में 59 प्रतिशत उड़ानों के रद्द किए जाने और वरिष्ठ अधिकारियों को जेलों के बंद किए जाने के तुरंत बाद सामने आया है. बहुत अधिक धुआं है, जिसका अर्थ है कि सीसीपी के अंदर कहीं आग है.चीन अस्थिर है,”
इसके अलावा रक्षा मामलों के जानकार सौरव झा के अकाउंट से भी एक ट्वीट साझा किया गया,जिसमें लिखा था कि, “यहां भारत में हमारे लिए सीधी चिंता का विषय है. ल्हासा गोंगगर के लिए कई नागरिक उड़ानें भी रद्द की जा रही हैं. हमें यह देखना होगा कि तिब्बती पठार पर सैन्य हवाई यातायात में वृद्धि हुई है या नहीं.” आपको बता दें पश्चिमी चीन का ये वो इलाका है जहां पिछले दो साल से भारत और चीन के बीच सैन्य गतिरोध बना हुआ है.
Of direct concern to us here in India. Many Flights to Lhasa Gonggar are also being cancelled. We have to see if there is an uptick in military air traffic over the Tibetan plateau or not. # XiJinping pic.twitter.com/xFvJDL6xhp
— Saurav Jha (@SJha1618) September 24, 2022
अफवाह या हकीकत क्या है विशेषज्ञों की राय?
आइये अब आपको बताते है शनिवार को जब चीन के तख्तापलट की ख़बरें सुर्खियां बटोर रही थी तब चीन मामलों के जानकार क्या कह रहे थे. चीनी मामलों के अधिकांश विशेषज्ञों का कहना था कि सोशल मीडिया के अलावा कहीं ऐसा कोई संकेत नहीं है कि चीन में कुछ गड़बड़ हो रहा है.उनका कहना था कि तख्तापलट सिर्फ सोशल मीडिया पर हो रहा है.
चीनी मामलों के जानकार आदिल बराड़ ने सोशल मीडिया पर उड़ी खबरों की एक-एक कर जांच की और उनके जवाब दिए.
शी के सार्वजनिक तौर पर नज़र नहीं आने की बात पर आदिल कहते है-कोरोना के चलते हो सकता है कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन से लौटने के बाद शी क्वारंटीन में हो जिस वजह से वो काफी वक्त से नज़र नहीं आए.
इसी तरह बरार ने उड़ान के आंकड़े भी साझा कर बताया कि उड़ानों में कोई बदलाव नहीं था. इसके साथ ही उन्होंने वो तस्वीर भी साझा की जिसमें वरिष्ठ चीनी अधिकारी सार्वजनिक ब्रीफिंग करते नज़र आ रहे है. बरार का कहना है कि ये तस्वीर बताती है कि चीन में सरकार सामान्य रूप से काम कर रही है.
No flights are cancelled anywhere. Look at number of flights in and out of China. pic.twitter.com/zohASE623C
— Aadil Brar (@aadilbrar) September 24, 2022
इसके साथ ही कई दूसरे जानकारों ने भी शी के तख्तापलट की खबर को अफवाह ही बताया. पत्रकार ज़क्का जैकब का कहना है कि शी की चीन की संस्थाओं पर काफी मज़बूत पकड़ है इसलिए वहाँ तख्तापलट की संभावना नहीं है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा
” सैन्य तख्तापलट की खबरों में कुछ भी अब तक विश्वसनीय नहीं है. चीन में सैन्य तख्तापलट की संभावना नहीं है क्योंकि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी केंद्रीय सैन्य आयोग के अंतर्गत आती है. शी, कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव के रूप में सीएमसी के प्रमुख हैं. सेना पार्टी की है, सरकार की नहीं, ”
इसी तरह हांगकांग से निकलने वाले साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने भी चीन में तख्तापलट या राजनीतिक उथल-पुथल की कोई जानकारी साझा नहीं की. मीडिया संस्थान ने पिछले 24 घंटों में चीन और दुनिया से संबंधित दर्जनों ट्वीट किए, लेकिन बीजिंग में कथित तख्तापलट का इनमें से किसी में जिक्र भी नहीं है.