कहते है तस्वीर हकीकत बयान करती है लेकिन कई बार तस्वीर और हकीकत में ज़मीन आसमान का फर्क होता है। शनिवार को प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट किया, ट्वीट आज़ादी के 75 साल पूरे होने के जश्न यानी अमृत महोत्सव से जुड़ा था, पीएम ने ट्वीट में एक फोटो शेयर कर लोगों से अपील की कि दिल्ली के सेंट्रल पार्क पहुंचकर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दें. तस्वीर दिल्ली के क्नॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क की है, जहां सरकार ने एक स्काई बीम की स्थापना की है. हजारों led बल्ब लगाये गये हैं. पीएम ने लोगों से अपील की है कि लोग यहां आकर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दें. यहां दी गई हर श्रद्धांजलि इस डिजिटल रौशनी को अधिक चमकीला बनायेगी.
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट के साथ जो तस्वीर शेयर की है उसे देखकर हर कोई अभिभूत हो रहा है. तस्वीर इतनी इतनी खूबसूरत है कि आप एक बार वहां जाये बिना नहीं रह पायेंगे. हमारे साथ भी यही हुआ, एक तरफ प्रधानमंत्री जी की अपील और दूसरी तरफ अपनी उत्सुकता… हमारी टीम भी वहां श्रद्धांजलि देने सेंट्रल पार्क में पहुंची लेकिन ये क्या …जिस चकाचौंध से भरी तस्वीर को प्रधानमंत्री जी ने ट्वीट किया था यहां उसका कोई नामों-निशान नजर नहीं आया. जो दिखा वो था सेंट्रल पार्क में लगी बीम और कुछ टिमटिमाती धुंधली रौशनी. हमें और आम जनता को प्रधानमंत्री जी की दिखाई गई रौशनी नज़र नहीं आई. नज़र आए तो आम आदमी की उम्मीदों की अंधेरे में टिमटिमाते चंद दीये जो महंगाई और बेरोज़गारी के अंधेरे में उसे जीवन की रोशनी बनाए रखने की हिम्मत दे रहे है.
आप जानते ही होंगे सरकार आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए आम जनता के टैक्स के करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. इस पार्क में भी करोड़ों रुपये की लागत से डिजिटल बीम लगाये गये हैं, पूरे पार्क को खूबसूरत बल्बों से सजाया गया है. लेकिन बारिश की कुछ बूंदों ने करोड़ों की रौशनी की पोल खोल दी. प्रधान मंत्री ने देश के नागरिकों से अपील की है कि वो इस पार्क में आयें और अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दें. हमारी भी अपील है कि आप देश भक्तों को श्रद्धांजलि देने जरूर आए और आजादी के अमृत महोत्सव के नाम पर चल रहे इन खास प्रयासों का असली चेहरा अपनी आंखों से जांचे परखे.