बिहार में जातीय गणना के आंकड़े सार्वजनिक होने के बाद से इसका श्रेय लेने की होड़ मच गई है. एक तरफ जहां महागठबंधन की सरकार इसे अपनी उपलब्धि बता रही है. तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने इसे एनडीए की सरकार का फैसला बताया है. सुशील मोदी के यह कहने पर कि जातीय गणना में आरजेडी और कांग्रेस की कोई भूमिका नहीं है और एनडीए की सरकार ने जातीय गणना का फैसला किया था, इस पर जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने जोरदार हमला बोला है.
ललन सिंह ने कहा है कि बिहार के बाद अब हर राज्य में जातीय गणना कराने की मांग उठ रही है लेकिन केंद्र की सरकार को किसी वर्ग के उत्थान से कोई लेना देना नहीं है. करना कुछ नहीं है और सिर्फ उसका प्रचार करना है. अब तो देश के प्रधान सेवक प्रधान इवेंट मैनेजर हो गए हैं। वहीं जेडीयू में टूट के सवाल पर ललन सिंह ने कहा कि बिल्ली के भाग्य से सिक्का नहीं टूटता है। सुशील मोदी मग्न रहें और अपना पीठ थपथपाते रहें। बीजेपी खुश हो जाएगी तो 2024 में कुछ दे देगी.
ललन सिंह ने कहा है कि बिहार में जातीय गणना को रोकने के लिए केंद्र की सरकार और बीजेपी ने जो षडयंत्र रचे थे उन सारी बाधाओं को दूर करते हुए महागठबंधन की सरकार ने पूरा कर लिया. बिहार की सरकार न्याय के साथ विकास की बात करती है. जातीय गणना के बाद बिहार की सरकार पिछड़े और अति पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए जो भी प्रयास करना होगा जरूर करेगी.