Wednesday, April 16, 2025

मध्य प्रदेश में हर 20 किमी पर ईवी चार्जिंग स्टेशन: परिवहन का भविष्य होगा उज्जवल!

 मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार प्रदेश को तेजी से इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) वाला प्रदेश बनाने में जुट गई है. नई ईवी पॉलिसी लागू होते ही मध्य प्रदेश के पांच शहरों में हर 20 किमी पर ईवी चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे. इसे लेकर जमीनी स्तर पर कार्य शुरू हो गए हैं. गौरतलब है कि नई ईवी पॉलिसी के तहत भोपाल, जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर और उज्जैन को ईवी मॉडल सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है. इसके बाद इन 5 शहरों की तस्वीर और तकदीर दोनों बदल जाएगी.

ईवी योजना के लिए 750 करोड़ का प्रावधान
भोपाल, जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर और उज्जैन में सबसे पहले पब्लिक ईवी चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे. यह प्रावधान हाल ही में राज्य सरकार द्वारा जारी ईवी पॉलिसी 2025 में किया गया है. मुख्यमंत्री नगर विकास योजना के साथ इस पंच वर्षीय योजना में 2028-29 तक 750 करोड़ रु खर्च किए जाएंगे. ईवी चार्जिंग स्टेशन बनाने का मुख्य उद्देश्य पेट्रोल-डीजल की जगह इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के लिए लोगों को जागरुक करना और इनका इस्तेमाल बढ़ाना है.

80 प्रतिशत सरकारी वाहन होंगे इलेक्ट्रिक
मोहन यादव सरकार ने इस योजना के तहत सरकार के सभी विभागों में इलेक्ट्रिक वाहन का इस्तेमाल बढ़ाने की योजना बनाई है. इसी वजह से नगरीय विकास विभाग ने सभी विभागों को 80 फीसदी ईवी वाहन चलाने के लिए अपना-अपना प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं. ऐसे में राज्य सरकार के सभी विभागों में अब जिन भी नए वाहनों की खरीदी होगी, वे सभी इलेक्ट्रिक वाहन यानी ईवी ही होंगे. इतना ही नहीं, पुराने वाहनों को बदलकर भी ईवी वाहन लाए जाएंगे.

हर 20 किमी पर होगा चार्जिंग स्टेशन
लोग ज्यादा से ज्यादा ईवी का प्रयोग करें, इसके लिए सरकार 5 शहरों में हर 20 किमी पर ईवी चार्जिंग स्टेशन बना रही है. भोपाल, जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर और उज्जैन सबसे पहले ईवी मॉडल सिटी के रूप में विकसित किए जा रहे हैं. यहां पेट्रोल पंप की तरह अब कुछ-कुछ दूरी पर ही ईवी चार्जिंग स्टेशन लोगों को मिलेंगे, जहां वे अपने वाहनों को सुविधानुसार चार्ज कर सकेंगे.

ईवी के मामले में ये राज्य टॉप पर
2024 के सरकारी आंकड़े देखें तो ईवी कारों के मामले में महाराष्ट्र 15 हजार से ज्यादा ईवी कारों की बिक्री के साथ देश में नंबर वन रहा. इसका सबसे बड़ा कारण है महाराष्ट्र में ईवी चार्जिंग प्वांइट्स की उपलब्धता. मध्य प्रदेश ईवी के मामले में 2024 में टॉप-10 शहरों से बाहर रहा है, लेकिन सरकार को उम्मीद है कि ईवी चार्जिंग स्टेशन बनाए जाने से एमपी भी इस लिस्ट में अव्वल आएगा. ईवी कारों के मामले में नंबर एक पर महाराष्ट्र, दूसरे स्थान पर कर्नाटक, तीसरे पर केरल और चौथे स्थान पर तमिलनाडु रहा है. हालांकि, 2025 में यूपी इस लिस्ट में ऊपर आ सकता है.

चार्जिंग स्टेशन खोलने पर सब्सिडी
ईवी पॉलिसी के तहत भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन में हर 20 किलोमीटर पर चार्जिंग स्टेशन तैयार करने का काम शुरू हो गया है. वहीं हाईवे पर हर 100 किलोमीटर पर फास्ट चार्जिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं. इतना ही नहीं, ईवी स्टेशनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार नियम अनुसार सब्सिडी भी दे रही है.

भोपाल में शुरू हुए फास्ट ईवी चार्जिंग स्टेशन
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा फास्ट ईवी चार्जिंग स्टेशन पहले ही शुरू किए जा चुके हैं. लेक व्यू में इन फास्ट ईवी चार्जिंग स्टेशन को इन्स्टॉल किया गया है. ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट से पहले शुरू किए इन चार्जिंग स्टेशन में 120, 60 और 22 किलोवाट के पांच चार्जर लगे हैं. ये फास्ट चार्जर हैं और टाइप-2 चार्जिंग गन का इस्तेमाल करते हैं, जिससे महज एक घंटे में कारें फुल चार्ज हो जाती हैं.

ईवी कार को कैसे करें चार्ज?
भोपाल में बने चार्जिंग स्टेशन इस्तेमाल करने के लिए गूगल प्ले से 'स्टेटिक' नाम की मोबाइल ऐप डाउनलोड करें. इसके बाद इस ऐप से ईवी चार्जिंग स्टेशन का क्यूआर कोड स्कैन करें. इसके बाद आपको कम से कम 50 रु का रिचार्ज करना होगा, जिसका इस्तेमाल चार्जिंग पेमेंट के लिए किया जाता है. गौरतलब है कि इस चार्जिंग स्टेशन को शुरुआती दिनों में फ्री रखा गया था और आने वाले दिनों में सरकार शुरुआत में सभी चार्जिंग स्टेशन में निशुल्क सुविधा दे सकती है.

ईवी के लिए होंगी स्पेशल पार्किंग
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव की कैबिनेट बैठक में ईवी वाहनों को बढ़ावा देने के लिए एक के बाद एक कई फैसले हुए हैं. ईवी पॉलिसी के बाद सरकार ने ईवी वाहनों को स्पेशल पार्किंग देने का फैसला भी किया है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कैबिनेट के दौरान कहा था, '' राज्य सरकार का प्लान है कि ईवी की बाजारों में सार्वजनिक पार्किंग और रहवासी सोसायटियों में पार्किंग की अलग से व्यवस्था की जाएगी. इसके लिए नगरीय विकास व आवास विभाग जल्द ही निर्देश जारी करने जा रहा है.''
 

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