Sunday, June 22, 2025

कौन थे राज सिंह डूंगरपुर जिनके खातिर ताउम्र कुंवारी रहीं Lata Mangeshkar

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नई दिल्ली। लता मंगेशकर भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन अपने गानों के जरिए वह हमेशा फैंस के दिलों में जिन्दा हैं। 2022 में 92 साल की उम्र में जब उनका निधन हुआ तो पूरा देश रोया और सुर सम्राज्ञी को श्रद्धांजलि अर्पित की। लता मंगेशकर की प्रोफेशनल लाइफ के बारे में तो उनके फैंस काफी कुछ जानते हैं, ये भी लोगों को पता है कि उन्होंने कभी किसी से इतना प्यार किया कि उसकी खातिर जीवनभर शादी नहीं की।

हालांकि, ये बात शायद ही आप जानते होंगे कि लता मंगेशकर को संगीत के साथ-साथ क्रिकेट से भी बहुत प्यार था। क्रिकेट के लिए उनके मन में दिलचस्पी जगाने वाले शख्स कोई और नहीं, बल्कि राज सिंह डूंगरपुर थे, जो सिंगर के प्यार में इस कदर दीवाने थे कि उन्होंने अपने परिवार तक से झगड़ा कर लिया था। कौन थे राजकुमार सिंह डूंगरपुर, जो दिलाते थे लता मंगेशकर को फ्री में टिकट और क्यों परिवार ही बना उनकी मोहब्बत का दुश्मन, नीचे पढ़ें दोनों की लव स्टोरी का अनसुना किस्सा:

कौन थे राज सिंह डूंगरपुर?
राज सिंह का जन्म डूंगरपुर के महाराज महारावल लक्ष्मण सिंह जी के घर पर हुआ था, जो एक राजपुताना थे। वह डूंगरपुर के राजा महारावल लक्ष्मण सिंह की सबसे छोटी संतान थे। शुरू से ही उनकी दिलचस्पी क्रिकेट में थी, इसलिए आगे चलकर उन्होंने इस फील्ड में ही अपना करियर बनाया। उन्होंने साल 1955-1971 के अंतराल राजस्थान के लिए रणजी ट्रॉफी और दुलीप ट्रॉफी खेली। क्रिकेट से रिटायरमेंट लेने के बाद उन्होंने भारतीय टीम को मैनेज किया और साल 1990 में आधिकारिक तौर पर बीसीसीआई (BCCI) के अध्यक्ष बने।

कैसे शुरू हुई थी लता मंगेशकर संग लव स्टोरी?
हिंदुस्तान टाइम्स की एक खबर के मुताबिक, दोनों की पहली मुलाकात लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने करवाई थी, जो क्रिकेटर राज सिंह के बहुत ही अच्छे दोस्त थे। लता मंगेशकर और राज एक-दूसरे से मिले और उन्हें एक ही नजर वाल प्यार हो गया। राज सिंह डूंगरपुर तो लता मंगेशकर के प्यार में इस कदर गिरफ्त थे कि वह इंडिया में होने वाले सभी लाइव क्रिकेट मैच की उन्हें फ्री टिकट दिलाते थे। दोनों एक-दूसरे के साथ काफी समय बिताते थे और हमेशा के लिए एक-दूजे को लाइफ पार्टनर बनाना चाहते थे।

जब ये बात दोनों के घर वालों तक पहुंची तो महाराज महारावल लक्ष्मण सिंह और सिंगर के परिवारवालों दोनों ने इसका विरोध किया। राज भले ही भविष्य राजा नहीं थे, लेकिन उनके अंदर एक राजपूत घराने का खून था, वहीं लता मंगेशकर के माता-पिता भी चाहते थे कि वह मराठी लड़के से ही शादी करें। राज सिंह डूंगरपुर ने अपने घरवालों को मनाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह नहीं माने। अंतत: उन्हें अपने प्यार की कुर्बानी देनी पड़ी। सिर्फ लता मंगेशकर ही नहीं, बल्कि राज सिंह डूंगरपुर ने भी कभी शादी नहीं की। हालांकि, वह जीवन भर एक दूसरे से जुड़े रहे।

60 का दशक बहुत ही अलग था-राज सिंह डूंगरपुर
लता मंगेशकर ने जहां कभी भी पब्लिकली राज के साथ अपने रिश्ते पर बातचीत नहीं की, तो वहीं डूंगरपुर के राजकुमार ने 2004 में मिड डे को दिए इंटरव्यू में बताया था कि उनकी शादी क्यों नहीं हो पाई। राज ने कहा था, "ये बहुत ही निजी मामला है। हम दोनों बिल्कुल अलग बैकग्राउंड से है और 60 का दशक अलग होता था। हम दोनों ही परिवार से काफी अटैच थे, ये ऐसा था जो शायद होना नहीं लिखा था। इसके बाद न तो रिश्ता आगे बढ़ा और न ही प्यार कम हुआ। मैं अभी भी उनसे जुड़ा हुआ हूं और लगातार टच में हूं"।

आपको बता दें कि 12 नवंबर 2009 में डूंगरपुर के राजकुमार का 73 साल की उम्र में अलजाइमर डिजीज (भूलने की बीमारी) से काफी समय तक लड़ने के बाद निधन हो गया था। उनकी और लता मंगेशकर की लव स्टोरी सच्चे प्यार की मिसाल है।

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