मुंबई: मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी से एक कारोबारी को 60 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में करीब चार घंटे तीस मिनट तक पूछताछ की। इस हाई-प्रोफाइल केस में अब तक शिल्पा के पति राज कुंद्रा समेत पांच लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। जांच एजेंसी का फोकस अब उस कंपनी पर है, जिसके जरिए यह पूरा लेन-देन हुआ था। इसी कंपनी में शिल्पा और कुंद्रा दोनों डायरेक्टर थे।
मामला क्या है?
आरोप है कि व्यवसायी दीपक कोठारी (60) को कुंद्रा-शेट्टी दंपति ने एक लोन-कम-इन्वेस्टमेंट डील में 60 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया। कोठारी ने अगस्त में जुहू पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद ईओडब्ल्यू ने इस मामले को अपने हाथ में लिया। जांच के दौरान कई वित्तीय दस्तावेजों और बैंक ट्रांजैक्शनों की पड़ताल की जा रही है।
कंपनी की भूमिका
जिस कंपनी को लेकर पूरा मामला चल रहा है वो एक होम शॉपिंग और ऑनलाइन रिटेल प्लेटफॉर्म था, जिसकी स्थापना कुछ साल पहले बड़े स्तर पर की गई थी। कंपनी अब लिक्विडेशन में जा चुकी है। ईओडब्ल्यू ने इसी से जुड़े रेज़ॉल्यूशन प्रोफेशनल राजेंद्र भूताड़ा का भी बयान दर्ज किया है, जिन्होंने बताया कि उन्हें गवाह के रूप में बुलाया गया था। उनका कहना है कि कंपनी के वित्तीय लेनदेन में कई अनियमितताएं थीं, जिनकी जानकारी जांच एजेंसी को दी गई है।
राज कुंद्रा का बयान
पूछताछ के दौरान राज कुंद्रा ने दावा किया कि उस रकम का कुछ हिस्सा उन्होंने बिपाशा बसु, नेहा धूपिया और एकता कपूर जैसी बॉलीवुड हस्तियों को प्रोफेशनल फीस के रूप में दिया था। हालांकि, इन दावों की अभी पुष्टि नहीं हुई है। अधिकारियों के मुताबिक, वो अब यह जांच रहे हैं कि क्या इन भुगतानों का सीधा संबंध उस निवेश सौदे से था या फिर यह सिर्फ एक बहाना था।
शिल्पा शेट्टी की भूमिका पर सवाल
शिल्पा शेट्टी से ईओडब्ल्यू की टीम ने कंपनी में उनकी भूमिका, निवेश निर्णयों में उनकी भागीदारी और वित्तीय दस्तावेजों पर उनके हस्ताक्षर से जुड़े कई सवाल पूछे। सूत्रों के अनुसार, अभिनेत्री ने खुद को ‘एक साइलेंट पार्टनर’ बताया और कहा कि कंपनी के सारे ऑपरेशनल फैसले उनके पति राज कुंद्रा लेते थे।
मामले की जांच जारी
फिलहाल ईओडब्ल्यू ने ये साफ किया है कि जांच अभी शुरुआती चरण में है और कई नए गवाहों से भी पूछताछ की जाएगी। मामले में नए नाम सामने आ सकते हैं क्योंकि दस्तावेजों में कई ट्रांजैक्शनों की प्रकृति संदिग्ध बताई जा रही है।