Election of Deputy Speaker: 18वीं लोकसभा में डिप्टी स्पीकर का पद भरा जाएगा ये तय है. 17वीं लोकसभा से अलग इस बार एनडीए उपसभापति का चुनाव कराने के मूड में है. इंडिया ब्लॉक जहां इस पद पर अपनी दावेदारी कर रहा है. वहीं सत्ता पक्ष का कहना है कि उपसभापति का पद विपक्ष का हक नहीं है.
एनडीए ने इस पद पर विपक्ष के दावे को खारिज नहीं किया है-सूत्र
पीटीआई के सूत्रों के मुताबिक एनडीए इस मामले में बाद में फैसला लेगा. हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि इंडिया गठबंधन को उपसभापति पद का “वादा” नहीं किया गया है, और इसके लिए उचित चुनाव कराए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि एनडीए ने इस पद पर विपक्ष के दावे को खारिज नहीं किया है, लेकिन विपक्ष के इस आग्रह की आलोचना की है कि उसके उम्मीदवार को यह पद दिया जाना चाहिए. एनडीए ने कहा कि स्पीकर के चुनाव के दौरान ऐसी पूर्व शर्त पर विचार नहीं किया जा सकता. एनडीए ने कहा था कि विपक्ष की मांग पर तब विचार किया जा सकता है, जब डिप्टी स्पीकर का चुनाव हो, लेकिन उसे कोई पूर्व शर्त नहीं लगानी चाहिए.
जल्द की जाएगी उपसभापति के नामांकन की तारीख का एलान
सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि उपसभापति के लिए उम्मीदवारों और चुनाव की तारीख के बारे में जल्द ही घोषणा की जाएगी. इससे पहले, एनडीटीवी ने सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा था कि एनडीए द्वारा उपसभापति का पद विपक्ष को देने की बजाए अपने पास ही रखना चाहेगा. जाहिर है इसके बाद सत्तापक्ष और इंडिया ब्लॉक के बीच सदन में तनाव और बढ़ने की संभावना है.
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि एनडीए उपसभापति का पद चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार जैसे सहयोगियों को देकर खुश करने की कोशिश कर सकता है. हलांकि इंडिया गठबंधन टीडीपी या जेडी(यू) से अध्यक्ष बनाए जाने पर जोर दे रहा था.
ओम बिड़ला के नाम पर नहीं बनी थी सहमति
इससे पहले, केंद्र सरकार ने ओम बिड़ला को लोकसभा अध्यक्ष नियुक्त करने के लिए आम सहमति बनाने की कोशिश की थी, लेकिन इंडिया गठबंधन के स्पीकर के बदले डिप्टी स्पीकर की मांग ने इस कोशिश को विफल कर दिया. जिसके बाद इंडिया ब्लॉक ने कांग्रेस सांसद के सुरेश को प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार के रूप में पेश किया. हलांकि बाद में लोकसभा में ओम बिड़ला को ध्वनि मत से चुना गया.
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