मुंबई
एनसीपी से बगावत कर अजीत पवार अपने 8 विधायकों के साथ शिंदे सरकार में शामिल तो हो गये है लेकिन शपथ ग्रहण के कई दिन बीत जाने के बाद भी उनके मंत्रालय का फैसला एकनाथ शिंदे नहीं कर पाये हैं. विभागों के बंटबारे को लेकर सीएम शिंदे अपने विधायकों और दूसरे उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़वीस के साथ बैठकें कर चुके हैं लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकाल है. वहीं अब अजीत पवार की मांग ने सीएम एकनाथ शिंदे की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं.
अजीत पवार वित्त मंत्रालय की मांग पर अड़े
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अजीत पवार ने साफ कर दिया है कि वो एकनाथ शिंदे की सरकार में शामिल तो हो गये है लेकिन वो वित्त मंत्रालय से कम पर मानने के लिए तैयार नहीं हैं. आपको बता दें कि इस समय महाराष्ट्र का वित्त मंत्रालय डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस के पास है.इस समय महाराष्ट्र में 29 मंत्री सरकार में हैं. 14 और मंत्रियों को जोड़ा जाना है. एकनाथ शिंदे के लिए मंत्रियों के विभागों का बंटबारा करना मुश्किल हो सकता है.
अजीत पवार की मांग से शिवसेना कार्यकर्ता नाराज
अजीत पवार के आने के बाद से शिवसेना के विधायक नाराज हैं.शरद पवार गुट का दावा है कि सेना के ज्यादातर विधायक अजीत पवार को अपनी सरकार में शामिल करने के खिलाफ हैं.विधायकों की नाराजगी अजीत पवार की मांग के बाद और बढ़ गई है.
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अजीत पवार ने पावर शेयरिंग की भी की बात
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अजीत पवार ने खुद को असली NCP करार देते हुए बीजेपी शिवसेना से मांग की है कि आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए उन्हें 13-15 सीटों मिलनी चाहिये . इसे लेकर एनसीपी औऱ बीजेपी मे बात भी हुई है.