Friday, February 7, 2025

EC notice to Sarma: छत्तीसगढ़ चुनाव प्रचार के दौरान ‘अकबर’ टिप्पणी के लिए असम के मुख्यमंत्री को कारण बताओ नोटिस जारी

चुनाव आयोग ने गुरुवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार के दौरान कथित तौर पर सांप्रदायिक टिप्पणी करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया. चुनाव आयोग ने अपने कारण बताओ नोटिस में कहा कि 18 अक्टूबर को दिए गए बीजेपी नेता के भाषण के कुछ हिस्सों को आदर्श आचार संहिता और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के प्रावधानों का “प्रथम दृष्टया उल्लंघन” पाया गया है.

आयोग ने सरमा को 30 अक्टूबर शाम 5 बजे तक नोटिस का जवाब देने को कहा

कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग को दी अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि सरमा ने कवर्धा से उसके उम्मीदवार मोहम्मद अकबर के खिलाफ सांप्रदायिक रूप से आरोपित बयान दिए और असत्यापित आरोप लगाए तथा तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया.
इसके जवाब में सरमा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट कर कहा, “”कांग्रेस ने माननीय चुनाव आयोग से यह जानकारी छिपाई है कि मोहम्मद अकबर कवर्धा निर्वाचन क्षेत्र से उनके उम्मीदवार हैं. इसलिए किसी उम्मीदवार की वैध आलोचना सांप्रदायिक राजनीति नहीं है… मुझे आयोग के ज्ञान पर पूरा भरोसा है.” माननीय चुनाव आयोग,” बीजेपी नेता और असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा कहते हैं

छत्तीसगढ़ में हिमंत बिस्वा सरमा ने क्या कहा?

चुनाव आयोग के नोटिस के अनुसार, सरमा ने छत्तीसगढ़ में कहा, “अगर एक अकबर एक जगह आता है, तो यह मत भूलो कि वे सौ अकबर को बुलाता हैं. इसलिए, जितनी जल्दी हो सके अकबर को अलविदा कहें, अन्यथा माता कौशल्या की यह भूमि अपवित्र हो जाएगी,”
सरमा ने कवर्धा से बीजेपी प्रत्याशी के लिए वोट मांगते हुए कहा, “तो इसलिए भाइयों-बहनों, आप लोगों को छत्तीसगढ़ को बचाना है. मां कौशल्या की इस पवित्र भूमि को बचाना है और इसलिए आप सभी को विजय भैया को विजयी बनाना चाहिए,”
चुनाव आयोग द्वारा चिह्नित सरमा के भाषण के दूसरे हिस्से में कहा गया, “आज, हमारे देश में कांग्रेस शासन के दौरान लव जिहाद शुरू हुआ. आज छत्तीसगढ़ के आदिवासियों और हमारे असम जैसे आदिवासियों को आए दिन इस्लाम अपनाने के लिए उकसाया जाता है और जब उनके खिलाफ आवाज उठती है तो भूपेश बघेल जी कहते हैं कि हम धर्मनिरपेक्ष हैं. क्या यह हिंदुओं को पीटना आपकी धर्मनिरपेक्षता का रूप है? यह हिंदुओं का देश है और हिंदुओं का ही रहेगा.’ हमें धर्मनिरपेक्षता की यह भाषा मत सिखाएं.”
सरमा को नोटिस जारी करते हुए, चुनाव पैनल ने मुख्यमंत्री को चुनाव संहिता के एक प्रावधान की याद दिलाई, जिसमें कहा गया है कि “कोई भी पार्टी या उम्मीदवार किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होगा जो मौजूदा मतभेदों को बढ़ा सकता है या आपसी नफरत पैदा कर सकता है या विभिन्न जातियों और समुदायों के बीच धार्मिक या भाषाई तनाव पैदा कर सकता है.”

 

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