Fact Check: खालिस्तानी आतंकी और भारत में मोस्ट वांटेड हरदीप सिंह निज्जर(Hardeep Singh Nijjar) की मौत के बाद से भारत और कनाडा के बीच माहौल तनावपूर्ण है. वहीं कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के भारत को लेकर दिए गए बयान के बाद चर्चाओं के साथ अब सोशल मीडिया का इस्तेमाल भारत में नफरत फैलाने के लिए किया जा रहा है. कनाडाई प्रधानमंत्री ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत की भूमिका होने की आशंका जताई थी. जिसके बात दोनों देशों ने एक दूसरे के राजनयिकों को ससपेंड कर दिया. इसी कड़ी में अब खबर आ रही है कि भारत में खालिस्तानी आक्रामकों को मद्देनज़र रखते हुए ट्रुडो के बयान के बाद राष्ट्रपति भवन से और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सुरक्षा से सिख समुदाय से जुड़े सभी सुरक्षाकर्मियों को हटा दिया गया है. इस तरह के दावे के साथ ख़बरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. अब इन वायरल ख़बरों की हकीकत क्या है आइये बताते हैं.
इस खबर का सच जानने से पहले बता दें इस बीच कनाडा में निज्जर के बाद एक और खालिस्तानी नेता सुखदूल सिंह गिल उर्फ सुक्खा दुनेके का भी कत्ल हो गया है. सूत्रों की मानें तो सुक्खा दुनेके आपसी गैंगवार में मारा गया है. वह पंजाब से जाली पासपोर्ट तैयार करवा कनाडा फरार हुआ था. बता दें कि भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जो बुधवार को 43 गैंगस्टर की जो लिस्ट जारी की थी, उसने सुक्खा का भी नाम था. भारत की सुरक्षा एजेंसियां इस घटना पर नजर बनाए हुए हैं.
सुक्खा दुनेके कनाडा में A कैटेगरी का गैंगस्टर था. पंजाब के मोगा का रहने वाला सुक्खा दुनेके साल 2017 में भारत से फर्जी पासपोर्ट पर कनाडा भाग गया था.
अब बात करे सिख सुरक्षा कर्मियों से जुडी खबर की तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर प्रकाश कुमार भील नाम की प्रोफाइल से एक पोस्ट शेयर की जा रही है। पोस्ट के मुताबिक, ‘सिख नेता हरदीप सिंह की हत्या में भारत सरकार की भूमिका को लेकर कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की तरफ से दिए गए भाषण और सिख समुदाय में बढ़ती नाराजगी के बाद भारत में राष्ट्रपति भवन में तैनात सिख सुरक्षाकर्मियों को बदल दिया गया है.’
पोस्ट में दावा किया गया, ‘साथ ही भारतीय सेना सिख सैनिकों को घर जाने के लिए छुट्टी देने से इनकार कर रही है। उन्हें डर है कि मोदी अगले इंदिरा हो सकते हैं.’
Fake messages are being spread on social media by inimical agents about soldiers of #IndianArmy, spreading rumours & hate-mongering.
Safeguard yourselves against such fake news. #IndianArmy pic.twitter.com/7q1icOPXdm
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) September 19, 2023
हलाकि भारतीय सेना (ADG PI) की ओर से इस दावे को पूरी तरह से भ्रामक और गलत बताया गया है. ‘X’ पर पोस्ट के मुताबिक, ‘दुश्मन एजेंट्स की तरफ से सोशल मीडिया पर भारतीय सेना के सैनिकों के खिलाफ झूठी खबरें और नफरत फैलाई जा रही है. ऐसी फर्जी खबरों से खुद को सुरक्षित रखें.’
Claim: Following Sikh leader Hardeep Singh's assassination, Sikh security personnel at Rashtrapati Bhavan have been replaced & Army is denying leave to Sikh soldiers#PIBFactCheck
This claim is Fake & shared with intention to create disharmony
No such decisions have been taken pic.twitter.com/wF6bLOXrKK
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) September 19, 2023
वहीँ PIB यानी प्रेस इंफर्मेशन ब्यूरो के फैक्ट चेक की ओर से भी इस दावे का खंडन किया गया है. PIB ने कहा कि यह दावा फर्जी और और तनाव पैदा करने के इरादे से साझा किया गया है और ‘ऐसे कोई भी फैसला नहीं लिया गया है.’
इस तरह की कोशिशें पिछले काफी वक्त से की जा रही है. जहां पूरी कोशिश की जा रही है कि किसी भी तरह से देश की सुक्ष शांति भंग की जा सके। इसलिए आप भी ऐसी वायरल ख़बरों से सावधान रहें.