Friday, February 7, 2025

सुप्रीम कोर्ट से राहत के बाद भी खत्म नहीं होगी Rahul Gandhi की परेशानी, सूरत सत्र न्यायलय में चलेगा मामला

नई दिल्ली   शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को मानहानि के केस में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली. सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरनेम को लेकर उनके (Rahul Gandhi) दो साल की सजा पर तत्काल रोक लगाने की आदेश दिया. कांग्रेस ने इसे सत्य की जीत बताया लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ये मामला एक बार फिर से सूरत के सत्र न्यायलय मे पहुंच गया है. जहां राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अपनी सजा के खिलाफ याचिका लगा रखी है.अब सूरत न्यायालय में एक बार फिर से इस मामले में सुनवाई शुरु होगी. सुप्रीम कोर्ट का वर्तमान फैसला तब तक जारी रहेगा, जब तक सूरत सेशन कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता है.

सुप्रीम फैसले के बाद क्या बहाल होगी Rahul Gandhi की सांसदी?

2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी सरनेम को लेकर राहुल गांधी के द्वारा दिये गये भाषण के खिलाफ  भाजपा नेता ने सूरत कोर्ट मे राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का आरोप लगाया था, जिसपर सत्र न्यायालय ने राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 2 साल की अधिकतम सजा सुनाई थी. सजा के ऐलान के 24 घंटे के अंदर ही जन प्रतिनिधि कानून के तहत राहुल गांधी की ससंद सदस्यता रद्द हो गई थी. अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक बार फिर से राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होने का रास्ता साफ हो गया है.सुप्रीम कोर्ट का आदेश तब तक जारी रहेगा जब तक की गुजरात सत्र न्यायलय का फैसला नहीं आ जाता है. केस को रद्द करने की अपील फिलहाल गुजरात सत्र न्यायालय में लंबित है.

पूर्णेश मोदी ने कहा कानूनी लड़ाई रहेगी जारी

यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जब मीडिया और तमाम लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बात कर रहे थे तब पूर्णेश मोदी ने अदालत से निकलते हुए आगे कानूनी लड़ाई जारी रखने की बात कही थी.  राहुल गांधी पर मानहानि का केस करने वाले पूर्मेश मोदी ने कहा कि सत्र न्यायलय में समाज के सहयोग से उनकी लड़ाई जारी रहेगी

सुप्रीम कोर्ट के फैसले की बड़ी बातें

1.मानहानि के मामले में राहुल गांधी को 2 साल की अधिकतम सजा सुनाई गई लेकिन अधिकतम सजा की वजह फैसले में नहीं बताई गई.

  1. निचली अदालत और उच्च न्यायलय ने माना कि राहुल गांधी के बयान से 13 करोड़ का समुदाय अपमानित हुआ लेकिन फैसला ऐसे समुदाय को परिभाषित करने में नाकाम रहा

3.हाईकोर्ट ने बयान को  अत्यंत गंभीर और  निंदनीय माना लेकिन जब मामला असंज्ञेय अपराध का है तो इसे अत्यंत गंभीर क्यों बताया ?

  1. उच्च न्यायलय और सत्र न्यायलय ने राहुल गांधी के बयान को एक समाज का अपमान बताया तो सभी शिकायत बीजेपी के कार्यकर्ताओं की तऱफ से ही क्यों आया ?

5.सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उच्च न्यायलय ने पूरे अपराध में एक नया अध्याय जोड़ दिया जो शिकायत का हिस्सा ही नहीं थी.

  1. एविडेंस एक्ट के तहत राहुल गांधी का बयान सिद्ध नहीं किया गया, बिना बयान को सिद्ध किये राहुल गांधी को दोषी करार दिया गया.
  2. संसद की सदस्यता छिनने से राहुल गांधी के अधिकारों के साथ साथ वायनाड की जनता के अधिकारों का भी हनन हुआ है.
  3. हाईकोर्ट के फैसले में राहुल गांधी के बयान को बदनीयती वाला बयान बताया गया, जबकि याचिकाकर्ता ने अपने बयान में ऐसी कोई बात नहीं कही थी

9.राहुल गांधी को उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में आदतन अपराधी माना जबकि राहुल गांधी पर चल रहे 13 मामलों में अभी तक एक भी मामले में आरोप सिद्ध नहीं हुआ है.

  1. न्यायिक प्रक्रिया के तहत ऐसे गवाहों को कोर्ट में पेश किया गया जिसका केस से कोई सरोकार ही नही था.
Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news