पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आतंक का पर्याय बने विनोद गडरिया के शव को उसके भाई और मां ने लेने से इनकार कर दिया। एनकाउंटर के 19 घंटे बाद विनोद का शव लेने के लिए उसके चाचा अपने पुत्र और साथियों के साथ बुलंदशहर पहुंचे। शुक्रवार की रात पौने दस बजे नोएडा एसटीएफ की टीम ने कोतवाली जहांगीराबाद क्षेत्र की ग्यारहवामील पुलिस चौकी क्षेत्र के बदरखा गांव के जंगल में एक लाख के इनामी बदमाश शामली के थाना कैराना के गांव ईसोपुर खुरगान निवासी विनोद गडरिया को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था।
बदमाश विनोद गडरिया मुजफ्फरनगर से डकैती समेत छह मामलों में वांछित था। 30 मार्च 2025 को एडीजी मेरठ ने उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। उसके ऊपर शामली, बागपत, मुजफ्फरनगर के विभिन्न थानों में हत्या, लूट डकैती, रंगदारी समेत 40 से अधिक मुकदमा दर्ज थे। शनिवार को बदमाश के परिजन उसका अंतिम संस्कार करने के लिए शव लेने तक नहीं पहुंचे। एनकाउंटर के लगभग 19 घंटे बाद बदमाश के हरियाणा करनाल के बरसात निवासी चाचा प्रीतम बुलंदशहर जिला अस्पताल स्थित मर्चरी पहुंचे। उन्होंने बताया कि विनोद के भाई प्रमोद और मां मायावती हरियाणा के पानीपत में रहते हैं। भाई व मां ने विनोद के शव लेने के इनकार कर दिया। वह शव को हरियाणा के पानीपत ले जाकर उसका अंतिम संस्कार करेगा।
साल 2002 में की थी पत्नी की हत्या
एनकाउंटर में ढेर कुख्यात बदमाश विनोद गडरिया के चाचा प्रीतम सिंह ने बताया कि विनोद ने साल 2002 में अपनी पत्नी की हत्या की थी। उस समय उसके सवा माह का पुत्र गौतम था, जिसका विनोद की मां और भाइयों ने पालन पोषण किया था। गौतम वर्तमान में किसी निजी कंपनी में काम करता। वह अपनी दादी मायावती और चाचा प्रमोद के साथ पानीपत में रहता है। उन्होंने बताया कि विनोद द्वारा पत्नी की हत्या किए जाने के बाद से ही उसने जरायम की दुनिया में कदम रखा था और उसके बाद ही परिवार ने गांव छोड़ दिया था और हरियाणा आकर बस गए थे।
विनोद के पिता सीताराम की लगभग 15 वर्ष पूर्व मौत हो गई थी। विनोद पांच बहन-भाइयों में दूसरे नंबर का था। एक बहन उससे बड़ी और दूसरी छोटी है। कुख्यात बदमाश विनोद के दोनों भाई और पुत्र मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं।