Saturday, June 14, 2025

DCW नियुक्ति घोटाले में आरोपी स्वाति मालीवाल विदेश जा सकेंगी, कोर्ट ने सशर्त दी इजाजत

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दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली महिला आयोग में नियुक्तियों में गड़बड़ियों के मामले में आरोपी और आयोग की पूर्व अध्यक्ष और सांसद स्वाति मालीवाल को विदेश जाने की अनुमति दे दी है. स्पेशल जज जीतेंद्र सिंह ने स्वाति मालीवाल को 8 जून से 12 जुलाई तक विदेश जाने की अनुमति दी है.

स्वाति मालीवाल ने याचिका दायर कर कहा था कि उन्हें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से लैंगिक मसले पर 10 जून को आयोजित होने वाले एक पैनल डिस्कशन में बतौर एक पैनलिस्ट शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है. इसके लिए उन्हें 8 जून को लंदन जाना होगा. इस कार्यक्रम के बाद वे अपने परिवार के साथ दूसरे यूरोपीय देशों की यात्रा पर जाना चाहती हैं.

याचिका में यह भी बताया गया था कि वह 12 जुलाई तक भारत वापस लौट आएंगी. दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील ने स्वाति मालीवाल की याचिका का विरोध नहीं किया और कहा कि मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करे. इसपर कोर्ट ने पाया कि स्वाति मालीवाल को इसके पहले भी 28 जनवरी 2023, 4 फरवरी 2023, 14 फरवरी 2024 और 29 अक्टूबर 2024 को विदेश यात्रा पर जाने की अनुमति मिल चुकी है और इन विदेश यात्राओं के दौरान स्वाति मालीवाल ने किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं किया था.

इसके पहले 28 अप्रैल को कोर्ट ने दिल्ली सरकार के महिला और बाल विकास विभाग के डिप्टी डायरेक्टर हुमरा खालिद के बयान दर्ज किए गए थे. वहीं 19 मार्च को दिल्ली सरकार के वित्त विभाग के अधिकारी मनोज कुमार के बयान दर्ज किए गए थे. कोर्ट ने दिसंबर 2022 में स्वाति मालीवाल समेत चार आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था. स्वाति मालीवाल ने आरोप तय करने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने मालीवाल की याचिका खारिज कर दी थी.

यह है मामला 

दरअसल एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) से पूर्व विधायक बरखा सिंह ने 11 अगस्त 2016 को शिकायत कर आरोप लगाया था कि दिल्ली महिला आयोग में नियमों को दरकिनार कर आम आदमी पार्टी से जुड़े लोगों को नियुक्त किया गया। शिकायत में आयोग में नियुक्त हुए तीन लोगों के नाम बताए गए थे, जो आम आदमी पार्टी से जुड़े थे. एसीबी को दी गई शिकायत में आप से जुड़े 85 लोगों की सूची भी दी गई थी, जिनकी नियुक्ति आयोग में होने का दावा किया गया था। इस पर प्रारंभिक जांच के बाद एसीबी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज किया था.

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